Move to Jagran APP

विदेश में तैयार Round baler machine बनी किसानों का सहारा, पराली से ऐसे दिला रही छुटकारा

विदेशों में बनी मशीन राउंड बेलर किसानों के लिए उम्मीद की किरण बनकर आई है। मशीन पराली को नीचे तक काटकर उसकी खुद की गांठें बना देती है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 11:32 AM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 01:14 PM (IST)
विदेश में तैयार Round baler machine बनी किसानों का सहारा, पराली से ऐसे दिला रही छुटकारा
विदेश में तैयार Round baler machine बनी किसानों का सहारा, पराली से ऐसे दिला रही छुटकारा

फतेहगढ़ साहिब [धरमिंदर सिंह]। खेतों में पराली जलाकर किसानों ने आम आदमी से लेकर देश और प्रदेश की सरकारों की नाक में दम कर रखा है। किसी को समझ नहीं आ रहा कि पराली से निजात कैसे पाई जाए। इसी बीच विदेशों में बनी मशीन राउंड बेलर किसानों के लिए उम्मीद की किरण बनकर आई है। मशीन पराली को नीचे तक काटकर उसकी खुद की गांठें बना देती है। एक दिन में एक मशीन 70 एकड़ जमीन पर पराली को काटकर गांठें बना सकती है।

loksabha election banner

राउंड बेलर मशीन जर्मनी, इटली और हॉलैंड में बनती है। भारत में जर्मनी की क्लास, इटली की चकोरिया और हॉलैंड की न्यू हॉलैंड कंपनी की मशीनें उपलब्ध हैं। मशीन विदेश से मंगवाई जाती है। इसके पुर्जों को लुधियाना और मोहाली में जोड़ा जाता है। श्री राम पेन्लस अमलोह रोड, खन्ना के मालिक राकेश गुप्ता बताते हैं कि राउंड बेलर की बड़ी मशीन 38 लाख रुपये की है। इसे चलाने के लिए 120 सीसी क्षमता वाले ट्रैक्टर की जरूरत होती है। पांच लाख रुपये का रैक मशीन से पहले पराली की कटाई करता है। गांठों को उठाने के लिए जेसीबी मशीन की जरूरत पड़ती है। छोटी मशीन के लिए 90 सीसी के ट्रैक्टर की जरूरत पड़ती है लेकिन इससे एक दिन में 40 से 45 एकड़ में ही पराली की गांठें बनती हैं।

दो मिनट में आठ क्विंटल की गांठ तैयार

धान की कटाई के बाद खेत में दो बार कटर चलाकर पराली को जमीन के स्तर तक काटा जाता है। इसे फिर खेत में ही सुखा लिया जाता है। रैक चलाकर पराली को इकट्ठा कर फिर राउंड बेलर मशीन से इसकी गांठें बनाई जाती हैं। बड़ी मशीन दो मिनट में आठ क्विंटल की गांठ बना देती है।

भारत में नहीं मिलता स्पेयर पार्ट

राउंड बेलर मशीन का एक भी पुर्जा भारत में नहीं मिलता है। मशीन का कोई हिस्सा खराब हो जाए तो वह विदेश से ही मंगवाना पड़ता है। बेलर को चलाने के लिए स्पेशल तेल भी चीन से मंगवाया जाता है। सरकार को इस मशीन की खरीद पर सब्सिडी देनी चाहिए। फिलहाल अब तक कोई सब्सिडी नहीं है।

किसानों को फ्री में दी 37 मशीनें, पराली खरीद एक साल में तैयार की दो करोड़ यूनिट बिजली

फतेहगढ़ साहिब के अमलोह में गांव शाहपुर के पास श्री गणेश एडिबल्स प्राइवेट लिमिटेड पांच साल से किसानों से पराली खरीद रही है। इंडस्ट्री पराली से बिजली पैदा करने का प्लांट लगाकर कर हर साल अपनी इंडस्ट्री के लिए करीब सवा दो करोड़ यूनिट बिजली तैयार कर रही है। इंडस्ट्री के चेयरमैन वरिंदर गुड्डू और हंसराज गर्ग ने पहले साल विदेश से चार मशीनें मंगवाकर किसानों को मुफ्त में दी। इन मशीनों में किसानों दिलचस्पी देखकर अब तक वह 37 मशीनें किसानों को सौंप चुके हैं।

मशीन से किसान फतेहगढ़ साहिब और लुधियाना जिले के गांवों में पराली की गांठें बनाते हैं। पराली की इन गांठों को वे किसानों से 127 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीद लेते हैं। इस बार 60 हजार टन पराली खरीदी जा चुकी है। इस तरह करीब 30 से 35 हजार एकड़ में पराली को जलने से बचाया गया है।

एक घंटे में पैदा होती है तीन हजार यूनिट बिजली

किसानों से खरीदी पराली से प्लांट में एक घंटे में तीन हजार यूनिट बिजली तैयार की जाती है। महीने में 26 दिन प्लांट चलता है। साल में करीब सवा दो करोड़ यूनिट बिजली पैदा कर ली जाती है जिसे कारोबारी अपनी इंडस्ट्री में ही प्रयोग करते हैं। अब वे 15 मेगावॉट बिजली तैयार करने का एक और प्लांट लगाने की तैयारी कर रहे हैं। उनकी टीम तीन महीने पहले ही किसानों से पराली की कीमत तय कर लेती है।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.