सिविल अस्पताल में चोरों का खौफ, पुलिस सुस्त
सिविल अस्पताल इन दिनों चोर सक्रिय हो गए हैं।
विनोद पुरोहित/नरेश कपूर, लुधियाना
सिविल अस्पताल इन दिनों चोर सक्रिय हो गए हैं। यहां पलक झपकते ही मरीज व डाक्टरों तक का मोबाइल व अन्य सामान चोरी हो जाता है। यहां रोजाना किसी न किसी के पर्स व मोबाइल चोरी हो जाते हैं। पुलिस अब तक इन चोरों के आतंक को खत्म नहीं कर पाई है। हर बार शिकायत लिखकर खानापूर्ति कर दी जाती है। इसका खामियाजा आम लोगों को भी भुगतना पड़ रहा है।
शुक्रवार को भी सिविल अस्पताल चौकी के पास लिखित में ती शिकायत आई। इसमें जालंधर बाईपास निवासी अवतार कौर ने बताया कि वह आशा वर्कर है। शुक्रवार को वह एक गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड करवाने सिविल अस्पताल आई थी। उसने अपना मोबाइल फोन व जरूरी कागजात एक प्लास्टिक के लिफाफे में रखकर लिफाफा अपने हाथ में पकड़ा हुआ था। जब वह फार्म जमा करने लगी तो इसी दौरान किसी ने उसके प्लास्टिक के लिफाफे को ब्लेड से काट दिया और उसमें से मोबाइल चोरी कर लिया।
वहीं शुक्रवार को ही एक चैनल के पत्रकार जतिदर पाल सिंह अपने पिता को इलाज के लिए सिविल अस्पताल लेकर आए था। चेकअप के बाद जब वह डिस्पेंसरी से दवाई लेने के लिए लाइन में खड़े हुए तो उसकी जेब से किसी ने मोबाइल निकाल लिया। जब वह वापस अपनी एक्टिवा के पास पहुंचे तो देखा कि मोबाइल चोरी हो चुका था। पत्नी को डिलीवरी के लिए किया था दाखिल, बाइक चोरी
गांव गिल के रहने वाले घनश्याम ने बताया कि उसने अपनी पत्नी को डिलीवरी के लिए सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया था। वीरवार की शाम उन्होंने सिविल अस्पताल की पार्किंग में पास बनवाकर अपनी स्प्लेंडर बाइक खड़ी कर दी। जब शुक्रवार की शाम पहुंचा तो बाइक वहां से चोरी हो चुकी था। चौकी सिविल अस्पताल पुलिस को शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने पकड़ी थी एक महिला चोर
कुछ दिन पहले जच्चा बच्चा विभाग से एक महिला का मोबाइल चोरी हो गया था। उसे महिला के परिवार ने किसी ऐप के जरिए ट्रेस कर पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने खुड्ड् मोहल्ला की रहने वाली एक महिला चोर को मोबाइल समेत गिरफ्तार कर मामला दर्ज किया था। चौकी में सिर्फ चार मुलाजिम
शहर के इतने बड़े सिविल अस्पताल में बनी पुलिस चौकी में सिर्फ चार ही मुलाजिम तैनात हैं। इनमें एक चौकी इंचार्ज, दो एएसआइ व एक कांस्टेबल शामिल है। सीसीटीवी कैमरे भी नाम के
अस्पताल में कई जगह सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं, लेकिन वह सिर्फ नाम के ही हैं, क्योंकि जिन जगह कैमरों की जरूरत है वहां कैमरे नहीं है। इनमें से कुछ ही कैमरे सही हालत में चल रहे हैं। कोट्स
चोरी की घटनाओं के बारे में चौकी से पता करके जांच की जाएगी। पुलिस चौकी में मुलाजिम कम हैं। यहां नफरी बढ़ाने के लिए भी पुलिस विभाग को लिखा जा चुका है।
सतपाल सिंह, एसएचओ, थाना डिवीजन नंबर दो