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डीएसपी हरजिदर के इलाज के लिए 80 लाख का प्रपोजल बना एडीजीपी को भेजा

महानगर में एसीपी अनिल कोहली वरिदरपाल सिंह समेत कई पुलिस मुलाजिम ड्यूटी के दौरान कोरोना का शिकार होकर जान गवां चुके हैं। ऐसे माहौल में ड्यूटी के दौरान कोरोना पाजिटिव होकर करीब सवा महीने से अस्पताल में उपचाराधीन लुधियाना के एक डीएसपी हरजिदर सिंह के परिवार को अब आस की एक किरण नजर आई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 May 2021 08:15 AM (IST)Updated: Fri, 21 May 2021 08:15 AM (IST)
डीएसपी हरजिदर के इलाज के लिए  80 लाख का प्रपोजल बना एडीजीपी को भेजा
डीएसपी हरजिदर के इलाज के लिए 80 लाख का प्रपोजल बना एडीजीपी को भेजा

जागरण संवाददाता, लुधियाना : महानगर में एसीपी अनिल कोहली, वरिदरपाल सिंह समेत कई पुलिस मुलाजिम ड्यूटी के दौरान कोरोना का शिकार होकर जान गवां चुके हैं। ऐसे माहौल में ड्यूटी के दौरान कोरोना पाजिटिव होकर करीब सवा महीने से अस्पताल में उपचाराधीन लुधियाना के एक डीएसपी हरजिदर सिंह के परिवार को अब आस की एक किरण नजर आई है।

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इलाज के दौरान उनके दोनों फेफड़े पूरी तरह से डैमेज हो चुके हैं। डाक्टरों का कहना है कि लंग्स ट्रांसप्लांट ही उसका एक मात्र इलाज है। करीब 40 दिन की भागदौड़ के बाद डीजीपी के निर्देश पर पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने वीरवार डीएसपी के इलाज के लिए वांछित रकम को सेंक्शन कराने के लिए प्रपोजल तैयार करके एडीजीपी वेलफेयर तथा एडीजीपी जेल के पास भेज दिया है। इसे पुलिस की टीम बाई रोड लेकर वीरवार शाम ही चंडीगढ़ पहुंच गई है। परिवार को उम्मीद है कि शुक्रवार उस पर अधिकारियों की मोहर लगने के बाद डीएसपी का इलाज शुरू हो जाएगा।

छह अप्रैल को इलाज के लिए अस्पताल में हुए थे भर्ती

भाई हरदीप सिंह ने बताया कि डीएसपी हरजिदर सिंह लुधियाना सेंट्रल जेल में तैनात हैं। ड्यूटी के दौरान वह कोरोना पाजिटिव हो गए। छह अप्रैल को इलाज के लिए उन्हें एसपीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 21 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आ गई। उसके बाद भी उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी। इस लिए उन्हें आईसीयू में रखा गया। नौ मई तक उन्हें वहीं रखा गया। मगर उनकी हालत में कोई सुधार नहीं आया। 10 मई को डाक्टरों ने बताया कि उनकी हालत में कोई सुधार नहीं है। लंग्स ट्रांसप्लांट कराना होगा। इस पर उन्होंने पुलिस विभाग से बात की। उन्होंने डाक्टर से लिखवा कर लाने के लिए कहा। डाक्टर ने लिख कर दे दिया तो पुलिस कमिश्नर ने कहा कि विभाग उनके इलाज के लिए 30 लाख से ज्यादा नहीं दे सकता है। परिजनों ने सरकार व पुलिस अधिकारियों से लगाई थी गुहार

परिवार ने पंजाब के मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी तथा अन्य अधिकारियों के सामने गुहार लगाई। रोष में परिवार ने यहां तक कहा कि अधिकारी की मौत के बाद एक्स ग्रेशिया ग्रांट देकर वाहवाही लूटने का क्या फायदा। अगर समय रहते इलाज करवा कर उसकी जान बचाई जा सकती है। इस पर संज्ञान लेते हुए पंजाब सरकार ने डीएसपी का इलाज कराने के लिए पूरी रिपोर्ट मांगी। एडीजीपी वेलफेयर तथा एडीजीपी जेल के निर्देश पर पुलिस कमिश्नर ने रिपोर्ट बना कर भेज दी है।


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