मुक्केबाज सिमरनजीत कौर को नौकरी देगा खेल विभाग, कैप्टन ने की पांच लाख देने की घोषणा Ludhiana News
मुख्यमंत्री से मिलने के लिए पहुंचीं सिमरनजीत कौर ओलंपिक खेलों के लिए क्वालिफाई होने वाली पहली पंजाबन मुक्केबाज हैं।
जगराओं, जेएनएन। पंजाबी नावलकार स्व. महिंदर सिंह चक्र की पौत्री व ओलंपिक के लिए क्वालिफाई हुई मुक्केबाज सिमरनजीत कौर ने सोमवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, महारानी परनीत कौर और खेलमंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी से मुलाकात की। इस दौरान कैप्टन ने इनाम के तौर पर सिमरनजीत कौर को पांच लाख रुपये देने की घोषणा की। खेलमंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी की अगुआई में मुख्यमंत्री से मिलने के लिए पहुंचीं सिमरनजीत कौर ओलंपिक खेलों के लिए क्वालिफाई होने वाली पहली पंजाबन मुक्केबाज हैं।
मुख्यमंत्री ने सिमरनजीत को बधाई देते कहा कि न केवल पंजाब बल्कि देश को उस पर गर्व है, जिसने एशिया ओसीनिया क्वालिफाई मुकाबले में चांदी का पदक जीत कर दुनिया के सबसे बड़े खेल मंच पर हाजिरी भरने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि सिमरनजीत पंजाब की लड़कियों के लिए रोल मॉडल हैं। साधारण परिवार की बेटी की यह असाधारण उपलब्धि है और उसको आगे बढऩे के लिए राज्य सरकार की ओर से हर संभव मदद उपलब्ध करवाई जाएगी।
खेलमंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने मुख्यमंत्री को बताया कि लुधियाना जिले के गांव चक्र की इस मुक्केबाज ने गांव से ही अपना करियर बनाना शुरू किया। सिमरनजीत ने 2013 में जूनियर विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक, 2018 में सीनियर विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक व 2019 में एशियन मुक्केबाजी चैंपियनशिप में चांदी का पदक जीता। इसके बाद मोहाली स्थित पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स में भी सिमरनजीत ने तैयारी की।
पद्मश्री बलबीर सिंह के घर जीत का आशीर्वाद लेने पहुंचीं बॉक्सर सिमरनजीत कौर।
राणा गुरमीत ने सिमरनजीत कौर को विश्वास दिलाया कि उनकी योग्यता अनुसार खेल विभाग उनको नौकरी देगा। इस मौके पर लोकसभा सदस्य परनीत कौर, सिमरनजीत कौर की माता राजपाल कौर, प्रिंसिपल स्वरण सिंह, कोच बलवंत सिंह संधू, गांव चक्र के पंच गुरजीत सिंह भी उपस्थित थे।
सिमरन की जीत से चकर में जश्न, बंटेंगे 40 किलो लड्डू
पंजाबण मुक्केबाज सिमरनजीत कौर की तरफ से ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने पर उसके गांव चकर में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में खुशी का माहौल है। गांव के लोग उसका भव्य स्वागत करने के लिए तैयार हैं। वहीं सिमरनजीत कौर ने बताया कि अब ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना ही उसका मकसद है, क्योंकि उस पर पूरे देश की नजर है। इसके लिए वह कड़ी मेहनत कर रही है। शेर-ए-पंजाब अकादमी के कोच प्रिंसिपल बलवंत सिंह संधू ने बताया कि सिमरनजीत में एक खास बात है। वह कभी अपने लक्ष्य से भटकती नहीं है। उसे पूरा करके ही रहती है। जब से अकादमी बनाई है, तब से सिमरनजीत की सफलता ने उनकी तपस्या का फल दिया है। उन्होंने बताया कि अब सिमरनजीत का गांव चकर में पहुंंचने पर बैंड-बाजों और ढोल के साथ स्वागत करेंगे और पूरे गांव में लड्डू बांटे जाएंगे। इसके लिए पहले से ही 40 किलो लड्डू तैयार है। गांव में उसके सम्मान के लिए गुरुद्वारा साहिब में सम्मान समारोह रखा गया है।
नौकरी की जगी आस
दैनिक जागरण से बातचीत में मुक्केबाज सिमरनजीत कौर ने अपनी इस सफलता के लिए वाहेगुरु की मेहर, परिवार के सहयोग और कोचों की दुआ को श्रेय दिया है। सिमरनजीत सिमरनजीत कौर ने बताया कि अब उसे पंजाब सरकार से सरकारी नौकरी मिलने की आस जगी है।
मुख्यमंत्री के समक्ष ये रखी मांगें
सिमरनजीत कौर ने बताया कि उसने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के समक्ष तीन मांगें रखी हैं।
1) लुधियाना जिले की तहसील जगराओं के गांव चकर में शेर-ए-पंजाब अकादमी में एक विंग की मांग की है। इसमें खिलाड़ियों के लिए सरकार की ओर से खुराक की सुविधा दी जाए।
2) अकादमी में एक फुटबॉल और दूसरा मुक्केबाज के लिए कोच रखने की मांग की है।
3) सिमरन ने अपनी योग्यता के अनुसार सरकारी उच्चपद वाली नौकरी देने की मांग रखी है।
बेटी ने बढ़ाया मान, मां भी खुश
बेटी सिमरनजीत कौर की तरफ से गौंव का मान बढ़ाए जाने से उसकी माता राजपाल कौर बेहद खुश हैं। उन्होंने बताया कि गांव में शेर-ए-पंजाब अकादमी में लड़के और लड़कियां एक समान फुटबाल व मुक्केबाजी सीखते है। ऐसे में वहां अच्छे कोचों की जरूरत है। अब इसके लिए सरकार से उनकी भी उम्मीद जगी है।