Sonu Sood अपने घर मोगा पहुंचकर बने मसीहा, जरूरतमंदों की झोली भर दिखाई उम्मीद की किरण
फिल्म अभिनेता सोनू सूद (Sonu Sood) शुक्रवार को अपने घर मोगा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने जरूरतमंदों को उनकी जरूरत का सामान दिया। उन्होंने आर्थिक तंगी में रह रहे लोगों को रोजगार के लिए ई रिक्शा भेंट किए ।
मोगा [सत्येन ओझा]। फिल्म अभिनेता सोनू सूद (Sonu Sood) कोरोना काल के बाद पहली बार अपनी जन्मस्थली मोगा स्थित आवास में पहुंचे तो यहां भी वे दानवीर के रूप में नजर आए। यहां उन्होंने लाचारी व आर्थिक मजबूरी में जीवन जी रहे आठ लोगों को ई रिक्शा देकर उनकी ङ्क्षजदगी में उम्मीद की नई रोशनी बिखेर दी। ठीक एक साल पहले सोनू सूद ने काफी दूर से किताब कापियों के भारी बस्ते को लेकर पैदल जाती लड़कियों व मजदूरों की हालत को देख उन्हें 50 साइकिलें प्रदान की थीं।
सोनू सूद शुक्रवार सुबह ही मोगा पहुंचे थे। दोपहर के समय जैसे ही गहरी धुंध के बीच से सूरज बाहर निकला तो सोनू एक बार फिर जरूरतमंदों की ङ्क्षजदगी में रोशनी बिखेरते दिखे। सोनू सूद ने जिन लोगों को ई रिक्शा दिए हैं, उनमें से एक अजय कुमार डीएम कालेज में चपरासी थे। आठ साल पहले सड़क हादसे में कुछ नसें डैमेज हो गईं जिस कारण अजय की चलने-फिरनेे व बोलने की शक्ति खत्म हो गई। वे उसी डीएम कालेज में चपरासी थे जहां कभी फिल्म अभिनेता सोनू सूद की मां प्रोफेसर सरोज सूद अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष थीं।
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सोनू ने अजय को अपने निवास पर बुला कर उनकी पत्नी उषा देवी को ई-रिक्शा भेंट किया, ताकि हादसे के बाद मुश्किल दौर से गुजर रहे अजय के परिवार का पालन पोषण हो सके। उनके परिवार में अजय के अलावा कमाने वाला कोई दूसरा सदस्य भी नहीं है। अजय की पत्नी ऊषा ने भावुक होते हुए कहा कि ये रिक्शा उनके परिवार को नई जिंदगी देगा।
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वहीं 60 साल की उम्र में भी टूटा रिक्शा चलाकर परिवार का पालन पोषण कर रहे भाग ङ्क्षसह तो इस कदर भावुक हो गए कि उन्होंने कहा कि सोनू सूद ने उन्हें ई रिक्शा ही नहीं, नई ङ्क्षजदगी दे दी है। इससे उनकी ङ्क्षजदगी के दो तीन साल और बढ़ जाएंगे, ये कहते-कहते भावुक होकर बोले, भगवान सोनू को लंबी उम्र दे। भगवान को तो उन्होंने कभी देखा नहीं, लेकिन सोनू के रूप में उनका स्वरूप देख लिया। बूढ़े शरीर में अब सवारियों को बैठाकर रिक्शा खींचने की शक्ति कम होती जा रही थी, ई-रिक्शा अब उन्हें नई शक्ति देगा।
हेल्थ के बाद अब हेल्प पर काम करेंगे : ईशान
पिता सोनू सूद की प्रेरणा से बाडी बिल्डिंग को लेकर पिछले एक साल से चर्चाओं में रहे उनके बेटे ईशान कहते हैं कि हेल्थ के बाद हेल्प के लिए भी काम करेंगे। बीएससी कर रहे ईशान पिता सोनू सूद से काफी प्रभावित हैं, उन्हीं की तरह वे अपनी बाडी तैयार कर रहे हैं। कोरोना काल में पिता का जो स्वरूप सामने आया, उसको लेकर ईशान कहते हैं कि पिता पर उन्हें गर्व होता है। उनके कालेज के साथी भी उनके पिता के काम पर गर्व करते हैं तो बेटे रूप में उन्हें गर्व होना स्वाभाविक है। वे खुद ही लोगों के काम आने का प्रयास आएंगे, उनकी सेवा करेंगे।
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