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लुधियाना में अगर नगर सोसायटी की आनलाइन बैठक का छह निदेशकों ने किया बायकाट, बोले- लोकतंत्र की हत्या की जा रही

लुधियाना की प्रतिष्ठित अगर नगर को-आपरेटिव सोसायटी के पदाधिकारियों के बीच विवाद गहराता जा रहा है। वीरवार को आनलाइन बैठक बुलाई लेकिन सोसायटी से त्यागपत्र देने वाले छह निदेशकों ने इसका बायकाट किया। सोसायटी के संविधान में आनलाइन बैठक का कोई प्रावधान नहीं है।

By Vinay KumarEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 10:51 AM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 10:51 AM (IST)
लुधियाना में अगर नगर सोसायटी की आनलाइन बैठक का छह निदेशकों ने किया बायकाट, बोले- लोकतंत्र की हत्या की जा रही
लुधियाना में अगर नगर सोसायटी की आनलाइन बैठक का निदेशकों ने बायकाट किया है।

लुधियाना, जेएनएन। लुधियाना की प्रतिष्ठित अगर नगर को-आपरेटिव सोसायटी के पदाधिकारियों के बीच विवाद गहराता जा रहा है। सोसायटी के प्रधान पवन गर्ग ने वीरवार को आनलाइन बैठक बुलाई, लेकिन सोसायटी से त्यागपत्र देने वाले छह निदेशकों ने इसका बायकाट किया। उनका आरोप है कि सोसायटी में लोकतंत्र की हत्या कर मनमाने तरीके से काम किया जा रहा है। इसके खिलाफ छह निदेशक राम गुप्ता, हेमराज गोयल, अश्वनी गोयल, इंदु गुप्ता, सुरेश जिंदल और विपन सिंघानिया को-आपरेटिव सोसायटी के प्रबंधक को पत्र भी लिख चुके हैं। छह निदेशकों का आरोप है कि प्रधान के पास बहुमत नहीं है। ऐसे में वे बैठक नहीं बुला सकते है। सोसायटी के संविधान में आनलाइन बैठक का कोई प्रावधान नहीं है।  

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प्रधान पवन गर्ग ने आरोपों को निराधार बताया है। उनका कहना है कि रजिस्ट्रार को-आपरेटिव सोसायटी के आदेश पर ही आनलाइन बैठक बुलाई गई थी। त्यागपत्र देने वाले छह निदेशकों को भी लिंक भेजा गया था। उनका साढ़े दस से ग्यारह बजे तक इंतजार किया गया, लेकिन वे नहीं जुड़े। उन्होंने दावा किया कि सोसाइटी के संविधान में एक तिहाई बहुमत से कामकाज किया जा सकता है। नौ में से तीन निदेशक उनके साथ हैं। वह कोई असंवैधानिक काम नहीं कर रहे हैं।

त्यागपत्र देने वाले निदेशक राम गुप्ता ने कहा कि उन्होंने त्यागपत्र देने के बाद डिप्टी रजिस्ट्रार को सोसायटी में प्रशासक लगाने का आग्रह किया था, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद पटियाला स्थित ज्वाइंट रजिस्ट्रार के पास केस लगा दिया और सोसायटी में प्रबंधक लगाने की मांग की। ज्वाइंट रजिस्ट्रार ने इसके लिए डीआर को जिम्मेदारी लगाई लेकिन उनके कोरोना संक्रमित होने के कारण वह छुट्टी पर चले गए हैं। प्रधान ने छह मई को बैठक बुलाई थी, जिसके विरोध में डीसी और थाना सराभा नगर के प्रभारी को पत्र दिया गया था। इसके बावजूद सुबह साढ़े दस बजे से कुछ मिनट पहले आनलाइन बैठक का लिंक आया। यह गलत है। बैठक प्रोसिडिंग बुक भी नहीं दिखाई गई। इसकी मांग दोपहर साढ़े बारह बजे तक की गई।

सोसायटी में सियासत

सोसायटी में कुल नौ निदेशक हैं। सात निदेशकों ने 15 अप्रैल को प्रधान के काम से नाखुश होकर त्यागपत्र दे दिया था। बाद में 27 अप्रैल को निदेशक मोनिका गोयल ने त्यागपत्र वापस ले लिया था। गौरतलब है कि प्रधान पवन गर्ग कांग्रेस के पंजाब के सचिव हैं, जबकि राम गुप्ता भाजपा के पदाधिकारी हैं। कहीं न कहीं इस पूरे विवाद को सियासी विवाद के तौर पर भी देखा जा रहा है।

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