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Bhagwat Katha in Ludhiana : स्वामी दयानंद बाेले-रुक्मणी ने स्वयं को प्राप्त करने के लिए उपाय बताया

Bhagwat Katha in Ludhiana कथावाचक स्वामी दयानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि विदर्भ के राजा भीष्मक के घर रुक्मिणी का जन्म हुआ। बाल अवस्था से भगवान श्रीकृष्ण को सच्चे हृदय से पति के रूप में चाहती थी। लेकिन उसका भाई रुक्मिणी का विवाह राजा शिशुपाल से कराना चाहता था।

By Vipin KumarEdited By: Published: Thu, 31 Dec 2020 09:29 AM (IST)Updated: Thu, 31 Dec 2020 09:29 AM (IST)
Bhagwat Katha in Ludhiana : स्वामी दयानंद बाेले-रुक्मणी ने स्वयं को प्राप्त करने के लिए उपाय बताया
श्री बांके बिहारी मंदिर व कमलकुटी आश्रम में भागवत कथा आयाेजित। (जागरण)

लुधियाना,  जेएनएन। श्री बांके बिहारी मंदिर व कमलकुटी आश्रम गुरुनानक पुरा सिविल लाइन में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिन बुधवार को भगवान श्रीकृष्ण व रुक्मिणी के विवाह की कथा सुनाई गई व कलाकारों ने इसका मंचन भी किया। इस अवसर पर विशेष  रूप से प्रीच कान्वेंट इंटरनेशनल स्कूल के मैनेजिंग डायरेक्टर व पूर्वांचली नेता चंद्रभान चौहान शामिल हुए।

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कथावाचक स्वामी दयानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि विदर्भ के राजा भीष्मक के घर रुक्मिणी का जन्म हुआ। बाल अवस्था से भगवान श्रीकृष्ण को सच्चे हृदय से पति के रूप में चाहती थी। लेकिन उसका भाई रुक्मिणी का विवाह राजा शिशुपाल के साथ कराना चाहता था। रुक्मिणी ने अपने भाई की इच्छा जानी तो उसे बड़ा दुख हुआ। अत: शुद्धमति के अंतपुर में एक सुदेव नामक ब्राह्मण आता-जाता था। रुक्मिणी ने उस ब्राह्मण से कहा कि वे श्रीकृष्ण से विवाह करना चाहती हैं। सात श्लोकों में लिखा हुआ मेरा पत्र तुम श्रीकृष्ण तक पहुंचा देना।

रुक्मिणी ने स्वयं को प्राप्त करने के लिए उपाय भी बताया। पत्र में रुक्मिणी ने बताया कि वह प्रतिदिन पार्वती की पूजा करने के लिए मंदिर जाती हैं, श्रीकृष्ण आकर उन्हें यहां से ले जावो। पत्र के माध्यम से रुक्मिणी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि आप इस दासी को स्वीकार नहीं करेंगे तो मैं हजारों जन्म लेती रहूंगी। मैं किसी और पुरुष से विवाह नहीं करना चाहती हूं, बेशक सौ जन्म लेने पडे़ं।  पार्वती के पूजन के लिए जब रुक्मिणी आई, उसी समय प्रभु श्रीकृष्ण रुक्मिणी का हरण कर ले गए। अत: रुक्मिणी के पिता ने रीति रिवाज के साथ दोनों का विवाह कर दिया। इंद्र लोक से सभी देवताओं द्वारा पुष्पों की बर्षा की तथा खुशियां लुटाई।

ये रहे माैजूद

इस दाैरान अनीता मल्होत्रा,रिंकू,निर्मला, रेनू गुप्ता, वीणा देवी,प्रेम ग्रोवर,उमा,अरुण,पंडित नारायण,ब्रह्मचारी दिव्य चैतन्य, शीतल गोयल, तनेजा, सुनील गुप्ता, सुशील, बोधराज शर्मा, गोविन्द बग्गा, राजेश तांगरी ,चन्द्रिका प्रसाद पाल राजन शर्मा, नरेश गुप्ता, दीपक, अरुण, कमलेश, रोहित शर्मा व  शकुंतला देवी आदि ने भागवत महापुराण की आरती की।   


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