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श्री जगन्नाथ संस्कृति परिषद ने पत्र में जताई नाराजगी, कहा, पैसा इकट्ठा करने के लिए अलग-अलग तिथियों पर निकाली जा रही रथयात्रा

शहर में जगन्नाथ रथयात्रा का विवाद गर्माता जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Aug 2019 08:00 AM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 06:29 AM (IST)
श्री जगन्नाथ संस्कृति परिषद ने पत्र में जताई नाराजगी, कहा, पैसा इकट्ठा करने के लिए अलग-अलग तिथियों पर निकाली जा रही रथयात्रा
श्री जगन्नाथ संस्कृति परिषद ने पत्र में जताई नाराजगी, कहा, पैसा इकट्ठा करने के लिए अलग-अलग तिथियों पर निकाली जा रही रथयात्रा

जासं, लुधियाना : शहर में हर साल निकलने वाली श्री जगन्नाथ रथयात्रा के आयोजकों के इस बार दो हिस्सों में बंट जाने का विवाद गर्माता जा रहा है। इतना ही नहीं, आयोजकों द्वारा दो रथयात्रा निकालने पर जहां श्रद्धालु असमंजस में हैं। वहीं ओडिशा की जगन्नाथ संस्कृति परिषद (एसजेएसपी) ने तो रथयात्रा निकालने के समय पर ही सवालिया निशान लगा दिया है। उनका कहना है कि लुधियाना में निकलने वाली रथयात्रा सिर्फ पैसों के लिए आयोजित की जा रही है।

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एसजेएसपी के अध्यक्ष एवं रिटायर्ड आइएएस अधिकारी गोपीनाथ मोहंती ने जारी पत्र में कहा है कि श्री मंदिर पुरी की ओर से पिछले 500 सालों से अषाढ़ के शुक्ला द्वितीय में इस रथयात्रा का आयोजन किया जाता है। इस्कॉन के संस्थापक श्रीला प्रभुपद ने 9 जुलाई 1967 में इस रथयात्रा को निकालना शुरू किया। मोहंती के अनुसार ओडिशा के इस्कॉन मंदिर की ओर से भी परंपराओं के अनुसार इस रथयात्रा को अषाढ़ माह में रथयात्रा निकाली जाती है, लेकिन ओडिशा के बाहर स्थित इस्कॉन मंदिर इस रथयात्रा को अपनी सुविधा के अनुसार निकाल रहे हैं। इस तरह की रथयात्रा कोई धार्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि यह सिर्फ पैसा इकट्ठा करने के लिए निकाली जा रही है। इससे जगन्नाथ जी के श्रद्धालुओं की भावनाओं के साथ खेला जा रहा है।

मोहंती ने कहा कि इस साल भी इस्कॉन मंदिर की ओर से लुधियाना में 17 नवंबर को रथयात्रा निकाली जा रही है, जबकि एक अन्य ग्रुप सतीश गुप्ता के नेतृत्व में 27 सितंबर को रथयात्रा निकाल रहा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने इस्कॉन मंदिर और सतीश गुप्ता से बात की, लेकिन दोनों ने ही अपना कार्यक्रम जारी रखने का फैसला सुनाया, जो गैर धार्मिक है। परिषद के अलावा अन्य दस संगठन भी असमय और परंपराओं के विपरीत आयोजित होने वाली रथयात्राओं के खिलाफ हैं।


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