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फ्लू कॉर्नर के पास दिखावे का हेल्प डेस्क, मरीजों को नहीं मिल रही सही जानकारी

पिछले काफी समय से यहां कोई भी कर्मचारी बैठा दिखाई नहीं देता। बस केवल एक मेज लगाकर उस पर मे आइ हेल्प यू की पट्टी लगा दी गई है।

By Vipin KumarEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 09:01 AM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 09:01 AM (IST)
फ्लू कॉर्नर के पास दिखावे का हेल्प डेस्क, मरीजों को नहीं मिल रही सही जानकारी
फ्लू कॉर्नर के पास दिखावे का हेल्प डेस्क, मरीजों को नहीं मिल रही सही जानकारी

लुधियाना, अाशा मेहता। जिले के सेहत विभाग की कार्यप्रणाली से हर कोई वाकिफ है। सिविल अस्पताल प्रबंधन ने फ्लू कॉर्नर के पास एक हेल्प डेस्क स्थापित किया हुआ है। अब फ्लू कॉर्नर पर रोज काफी संख्या में मरीज स्वैब सैंपल देने के लिए आते हैं। इनमें से कई ऐसे मरीज भी होते हैं जिन्हें फ्लू कॉर्नर के बारे में सही जानकारी नहीं होती। इसी उद्देश्य से वहां पर हेल्प डेस्क स्थापित किया गया था, मगर यह सिर्फ दिखावे के लिए रह गया है।

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पिछले काफी समय से यहां कोई भी कर्मचारी बैठा दिखाई नहीं देता। बस केवल एक मेज लगाकर उस पर 'मे आइ हेल्प यू' की पट्टी लगा दी गई है। लिहाजा, मरीजों को अस्तपाल से संबंधित जानकारी लेने के लिए कभी पार्किंग कर्मचारियों से तो कभी पुलिस मुलाजिमों से पूछना पड़ता है, लेकिन वह भी उनको सही जानकारी नहीं देते। ऐसे में मरीज जानकारी के अभाव में यहां-वहां भटकते रहते हैं।

वॉरियर्स नहीं टिकटॉक स्टार
सिविल अस्पताल के मदर एंड चाइल्ड अस्पताल (एमसीएच) की दो स्टाफ नर्सें और दो दर्जा चार मुलाजिम इन दिनों टिकटॉक स्टार के नाम से प्रसिद्ध हो रहे हैं। सेहत विभाग ने इनकी ड्यूटी मरीजों की देखभाल के लिए लगा रखी है, लेकिन अपनी ड्यूटी को ईमानदारी से करने की बजाय ये लोग अस्पताल के भीतर ही मरीजों के दर्द को नजरअंदाज करके टिकटॉक वीडियो बनाने में मशगूल रहते हैं।

अस्पताल में बनी ऐसी ही दो टिकटॉक वीडियो क्लिप इन दिनों वायरल हो रही हैं। दर्जा चार कर्मचारी तो खुद को लुधियाना के एक बड़े भाजपा नेता की खास बताती हैं। वह उनके नाम पर अपने साथ काम करने वाले मुलाजिमों को धमकाती भी रहती है। बताया जा रहा है कि यह वीडियो क्लिप एमसीएच के प्राइवेट रूम में बनी है। विडंबना यह है कि सब कुछ जानते हुए भी अस्पताल प्रबंधन इन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रहा।

टेस्ट के लिए सिफारिश
कोरोना का खौफ लोगों में इस कदर है कि अब खुद ही सिविल अस्पताल में जाकर टेस्ट करवाने लगे हैं। इनमें नेता भी शामिल हैं। टेस्ट कराने के दौरान भीड़ से सामना न हो, इसके लिए वे मंत्रियों, विधायकों और सांसद तक की सिफारिश करवा रहे हैं। ताजा किस्सा आपको बताते हैं। पिछले सप्ताह एक सीनियर कांग्रेस नेता सिविल अस्पताल की एसएमओ डॉ. अमरजीत कौर के पास पहुंचा। उसने अपना परिचय दिया और उनके ऑफिस में बैठ गया।

फिर उस नेता ने एसएमओ से कहा कि वह सांसद रवनीत बिट्टू का खास है और उसे कोरोना की जांच के लिए टेस्ट करवाना है। एसएमओ ने नेता के साथ एक क्लास फोर मुलाजिम भेजकर उसका कोविड-19 टेस्ट का सैंपल दिलवा दिया। इसके बाद वह नेता फिर एसएमओ के पास आया और अपना प्रभाव दिखाने के लिए बातों-बातों में अपनी तारीफों के पुल भी बांधे। आखिर में वह आभार जताकर चलता बना।

चर्चा में इनकी लड़ाई
मदर एंड चाइल्ड अस्पताल (एमसीएच) में तैनात दो स्टाफ नर्सों की लड़ाई इन दिनों स्टाफ मेंबर्स की जुबान पर चढ़ी हुई है। दरअसल, हुआ यूं कि एक सीनियर नर्स और एक जूनियर नर्स के बीच किसी बात को लेकर बहस हो गई। सीनियर नर्स ने भद्दी शब्दावली का इस्तेमाल करते हुए जूनियर नर्स-1 को खूब खरी-खोटी सुना दी। जूनियर ने लिखित शिकायत अस्पताल प्रबंधन को कर दी।

इसका पता चलते ही सीनियर नर्स ने अन्य दूसरी जूनियर नर्स-2 को उसके आगे कर दिया। उसने अपनी समकक्ष नर्स के पति को फोन कर दिया। इससे खफा उसके पति ने फोन करने वाली जूनियर नर्स-2 को एफआइआर दर्ज करवाने की धमकी दे डाली। जवाब में जूनियर नर्स-2 की सास ने उस व्यक्ति की पत्नी को फोन लगाकर खूब खरी-खोटी सुनाई। बाद में अस्पताल प्रबंधन की ओर से तीनों नर्सों को अलग-अलग वार्ड में तैनात कर दिया गया। तब जाकर मामला शांत हुआ।

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