स्टूडेंट्स ने Short movies के जरिये दिखाया अपना Talent, सामाजिक कुरीतियों पर किया प्रहार
ईश्मीत सिंह अकादमी के आॅवर स्पेस सिनेमा में शार्ट मूवी फेस्टिवल का आयोजन किया गया। फेस्टिवल में गंभीर समाजिक मुद्दों पर शार्ट मूवी प्रदर्शित की गईं।
लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। सामाजिक कुरीतियों को केवल जागरूकता से ही खत्म किया जा सकता है। इसके लिए ड्रामा और मूवी एक अहम रोल अदा कर सकते हैं। जहां बॉलीवुड से लेकर पालीवुड तक देश की कुरीतियों को समाप्त करने के लिए फिल्मों का निर्माण किया जाता है। वहीं ईश्मीत सिंह अकादमी में आॅवर स्पेस सिनेमा में एक शार्ट मूवी फेस्टिवल का आयोजन किया गया। दो दिवसीय फेस्टिवल में विभिन्न गंभीर समाजिक मुद्दों को शार्ट मूवी प्रेंजेटेशन के जरिए विभिन्न कॉलेजों के स्टूडेंटस ने प्रदर्शित किया। रविवार को 11 शार्ट फिल्में प्रदर्शित की गई। इस दौरान बतौर मुख्य अतिथि संत बलबीर सिंह सीचेंवाल मुख्य रुप से उपस्थित हुए। आयोजक मनजीत सिंह कंग, प्रदीप सिंह, डॉ.परमजीत सोहल, डॉ.यादविंदर सिंह ने बताया कि यह संस्था की ओर से चौथा फेस्टिवल है और अब हर माह युवाओं को प्लेटफार्म देने के लिए शार्ट मूवी फेस्टिवल आयोजित किए जाएंगे।
सामाजिक मुद्दों पर बनी हैं सभी फिल्में
आयोजक प्रदीप सिंह ने बताया कि इस फेस्टिवल में सामाजिक मुद्दों पर फिल्में प्रदर्शित की गई हैं। इसमें दो दिनों में 22 फिल्में दिखाई गई। इनमें तीन मिन्ट से लेकर बीस मिन्ट तक की फिल्में शामिल हैं। जोकि हिन्दी, पंजाबी और इंग्लिश में हैं। समाजिक संदेश देने पर प्रमुखता है। इसमें इन्वायरमेंट, ड्रग एडिक्शन, ओल्ड पेरेंटस, बुजुर्गों के अकेलेपन, पुलिस और माफिया सहित समाजिक बदलावों पर फोकस रही।
126 एंट्रीज में से सिलेक्ट हुईं 22 फिल्में
फेस्टिवल के लिए एसोसिएशन की वेबसाइट और फेसबुक पर गूगल ड्राइव के माध्यम से से एंट्री मंगवाई गई। इसमें देशभर के साथ-साथ यूएसए, इजरायल और इजीपिट से शार्ट मूवी की एंट्री प्राप्त हुईं। इनमें से भारत की 22 मूवीज को सलेक्ट किया गया। यहां शार्ट मूवी कॉलेज के स्टूडेंट्स की ओर से तैयार की गई है। इसकी चयन प्रक्रिया में हर बात का ध्यान रखा गया है कि यह अच्छा संदेश देती हो, परिवार संग देखी जा सके और किसी तरह का वायलेंस न हो।
सामाजिक संदेश देने को अच्छा प्रयास
मुख्य अतिथि संत बलबीर सिंह सींचेवाल ने कहा कि समाजिक संदेश देने के लिए यह एक अच्छा प्रयास है। इसके माध्यम से हम युवाओं को डिजिटल क्रांति के दौर में अच्छे संदेश दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि समाज को बदलने और बेहतर सोच लाने के लिए फिल्मों का भी एक अहम किरदार रहता है। युवाओं की ओर से शार्ट मूवी में ही अच्छा संदेश देने की उन्होंने प्रशंसा की और संस्था को इस तरह के आयोजन का विस्तार कर लगातार करवाकर युवाओं को अच्छी सोच की ओर अग्रसर करने की बात कही।