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कंटेनमेंट जोन की बंदिशें बर्बाद कर रहीं जूता उद्योग, नौकरियां खतरे में

कोरोना के संकट के दौरान प्रेम नगर और इस्लामगंज एरिया को कंटेनमेंट जोन बनाए जाने के कारण जूता उद्योग में काम करने वाले हजारों परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 02:51 AM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 03:42 AM (IST)
कंटेनमेंट जोन की बंदिशें बर्बाद कर रहीं जूता उद्योग, नौकरियां खतरे में
कंटेनमेंट जोन की बंदिशें बर्बाद कर रहीं जूता उद्योग, नौकरियां खतरे में

दिलबाग दानिश, लुधियाना

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कोरोना के संकट के दौरान प्रेम नगर और इस्लामगंज एरिया को कंटेनमेंट जोन बनाए जाने के कारण जूता उद्योग में काम करने वाले हजारों परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। यही नहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनका कहना है कि उनकी नौकरी खतरे में पड़ गई है। पहले क‌र्फ्यू और अब कंटेनमेंट जोन की बंदिशों से वह परेशान हो गए हैं। अगर इसी तरह चलता रहा, तो उनके पास खाने के लिए राशन तक नहीं बचेगा। वहीं डीसी का कहना है कि यह प्रतिबंध सरकारी आदेशों के तहत ही लगे हैं। इसमें वह कुछ नहीं कर सकते। हालांकि जो लोग नौकरी जाने के खतरे की बात कर रहे हैं, उनकी इस समस्या का हल करने का प्रयास किया जाएगा।

दरअसल, यहां करीब 17 हजार परिवार अपने घरों में ही लघु उद्योग चलाते हैं और यहां से जूते, सैंडल और चप्पल आदि बनाकर इसे दूसरे राज्यों में एक्सपोर्ट करते हैं। वहीं, जूते बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले सामान को बेचने वाले भी बुरे दौर से गुजर रहे हैं। इससे उनका करीब सौ करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है।

यहां कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने के बाद 12 जून को प्रेम नगर और इस्लामगंज एरिया को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया था। यहां के निवासी दिनेश कुमार बल्लू और सोमी चायल का कहना है कि कोरोना के कारण पहले ही काम नहीं चल रहा था, अब रही सही कसर कंटेनमेंट जोन बनाने से निकाल दी गई है। पहले क‌र्फ्यू के कारण कारोबार बंद था और अब जो लोग बाहर दुकानों और फैक्ट्रियों में काम कर रहे थे, उन्हें वहां से निकाल दिया गया है। इससे हालात और भी बदतर हो गए हैं। पुलिस यहां दुकानें खोलने नहीं देती है, अगर खुलती हैं तो लोगों को एरिया में नहीं आने दिया जाता है। डिप्टी कमिश्नर से मिले जीनगर समाज के लोग

घरों में जूते और सैंडल आदि बनाने का काम करने वाले जीनगर समाज के लोगों ने समस्या को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह को पत्र लिखकर आर्थिक सहायता की मांग की है। जीनगर समाज का शिष्टमंडल डिप्टी कमिश्नर वरिदर शर्मा से मिला था। इस दौरान अध्यक्ष रमेश कुमार गहलोत, उपाध्यक्ष राज कुमार गहलोत व विनोद कुमार पुछावा ने डीसी को बताया कि उनके परिवार इस समय बुरे समय से गुजर रहे हैं, इसलिए उनका सहयोग किया जाएगा और कंटेनमेंट जोन में कुछ रियायतें दी जाएं। हर परिवार को राशन दिया जाएगा : डीसी

डिप्टी कमिश्नर वरिदर शर्मा ने कहा कि प्रेम नगर और इस्लामगंज का मामला उनके ध्यान में है। डीएफएससी को आदेश दिए गए हैं कि वहां के हर जरूरतमंद परिवार को राशन मुहैया करवाया जाए। वह इसके लिए पुलिस विभाग का सहयोग ले रहे हैं। कंटेनमेंट जोन में जो भी कार्रवाई अभी चल रही है, वह सरकारी आदेशों पर ही चल रही है। इसलिए हम इसमें कुछ नहीं कर सकते हैं। हालांकि जो लोग नौकरी जाने के खतरे की बात कर रहे हैं, वह प्रशासन से बात कर सकते हैं। उनकी इस समस्या का हल करने का प्रयास किया जाएगा।


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