पिता-पुत्र समेत तीन लोगों को थाने में निर्वस्त्र करने वाले एसएचओ पर एफआइआर
खन्ना सदर थाना के पूर्व एसएचओ इंस्पेक्टर बलजिंदर सिंह के खिलाफ आखिर खन्ना के सिटी-एक थाना में एफआइआर दर्ज हो गई है।
जागरण संवाददाता, खन्ना : खन्ना सदर थाना के पूर्व एसएचओ इंस्पेक्टर बलजिंदर सिंह के खिलाफ आखिर खन्ना के सिटी-एक थाना में एफआइआर दर्ज हो गई है। सदर थाना में पिता-पुत्र समेत तीन लोगों को निर्वस्त्र कर उनकी वीडियो बना वायरल करने के आरोप में एडीजीपी डॉ. नरेश अरोड़ा की अगुआई वाली एसआइटी ने एफआइआर दर्ज की है। मामले की अगली जांच एसआइटी के सदस्य आइजी लुधियाना नौनिहाल सिंह करेंगें। अप्रैल माह से एफआइआर दर्ज कराने को लेकर चल रहे पीड़ितों के संघर्ष की आखिर जीत हो गई। एफआइआर शनिवार की रात को दर्ज की बताई जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार इंस्पेक्टर बलजिदर सिंह और हवलदार वरुण कुमार के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। वरुण कुमार के मोबाइल फोन से वीडियो बनाकर वायरल करने के आरोप हैं। दर्ज एफआइआर में मारपीट, अवैध हिरासत में रखने, एससी-एसटी एक्ट, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और आइटी एक्ट की धाराओं को शामिल किया गया है। कानून के जानकारों के अनुसार बलजिदर के खिलाफ अब कानूनी शिकंजा पूरी तरह से कसना तय है। एसएसपी खन्ना हरप्रीत सिंह ने एफआइआर की पुष्टि करते हुए कहा कि एसआइटी के सदस्य आइजी लुधियाना नौनिहाल सिंह मामले के जांच अधिकारी बनाए गए हैं। पूरी जानकारी वही दे सकते हैं।
यह है मामला
खन्ना के सदर थाना के एसएचओ बलजिदर सिंह पर तीन व्यक्तियों को थाने में अपने केबिन में निर्वस्त्र कर खड़ा करने और उनका हवलदार वरुण के मोबाइल से वीडियो बना उसे वायरल करने के आरोप 16 अप्रैल 2020 को लगे थे। इनमें गांव दहेड़ू की पूर्व सरपंच का पति जगपाल सिंह जोगी, बेटा गुरवीर सिंह और एससी समाज से संबंध रखने वाला उनका नौकर जसवंत सिंह शामिल थे। मामला जून 2019 का है, लेकिन इसका वीडियो वायरल होने के बाद पीड़ितों के वकील गुनिदर सिंह बराड़ ने इसकी शिकायत डीजीपी पंजाब से की थी। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने मामले की जांच के आदेश दे दिए थे। इंस्पेक्टर बलजिदर सिंह का तबादला फिरोजपुर रेंज करने के साथ हवलदार वरुण कुमार को भी लाईन हाजिर कर दिया गया था।
हाईकोर्ट डीजीपी को जांच के दिए थे आदेश
जब काफी दिनोंके बाद भी खन्ना पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो पीड़ितों ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में मामले को शर्मनाक बताते हुए डीजीपी को तुरंत एक एसआइटी बना आठ जुलाई को जवाब देने को कहा। एडीजीपी डॉ. नरेश अरोड़ा की अगुआई में आइजी लुधियाना और एसएसपी जगराओं की एक एसआइटी बनाई गई। इस एसआइटी द्वारा जांच के बाद एफआइआर दर्ज की गई है।