BJP उपाध्यक्ष शिवराज चौहान बोले - नागरिकता संशोधन कानून न टलेगा, न ही होगा संशोधन
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज चौहान व उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी सुनील ओझा ने पंजाब कोर कमेटी सदस्यों के साथ वन टू वन मीटिंग की।
लुधियाना, जेएनएन। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज चौहान ने कहा नागरिकता संशोधन एक्ट न टलेगा और ना ही इसमें किसी तरह का संशोधन किया जाएगा। चौहान यहां होटल नागपाल रीजेंसी में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 1984 में मॉब लिंचिंग करने वाली कांग्रेस पार्टी आज सीएए के नाम पर देश में दंगे करवाने पर तुली हुई है।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते दिनों पाकिस्तान स्थित श्री ननकाना साहिब पर हुए हमले ने यह दिखा दिया कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के हालात कैसे हैं। चौहान ने कहा कि 1947 में विभाजन का दंश पंजाब झेल चुका है। तब पाकिस्तान में 23% अल्पसंख्यक थे, आज संख्या 2 फीसद रह गई है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह को यह जवाब देना होगा कि वर्षों से प्रदेश में रह रहे पाकिस्तानी हिन्दू और सिखों को क्यों वह पंजाब से निकाल देंगे। सिद्धू पर कटाक्ष करते हुए चौहान ने कहा हर छोटी बड़ी बात पर बोलने वाले नेताओं की भी बोलती बंद है। उन्होंने कहा कि जल्द ही पंजाब को नया भाजपा प्रधान मिल जाएगा। इस दौरान उनके साथ यूपी के सह प्रभारी सुनील ओझा भी मौजद रहे।
पंजाब के नए अध्यक्ष के लिए भाजपा पदाधिकारियों की टटोली नब्ज
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज चौहान और उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी सुनील ओझा ने पंजाब कोर कमेटी सदस्यों के साथ वन टू वन मीटिंग की। पंजाब के नए प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए शिवराज चौहान ने होटल नागपाल रीजेंसी में नए प्रधान के लिए पदाधिकारियों की नब्ज टटोली। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष श्वेत मलिक, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा, राजिंदर भंडारी, पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोरंजन कालिया, मदनमोहन मित्तल, सांसद सोमप्रकाश, पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री विजय सांपला मौजूद रहे।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति से पहले होने जा रही कोर कमेटी की मीटिंग को अहम माना जा रहा है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जीवन गुप्ता का कहना है कि विपक्षी दल सीएए पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। पंजाब में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति होगी। पार्टी जुझारू अध्यक्ष की तलाश में है। साझीदार पार्टी शिरोमणि अकाली दल में हो रहे बिखराव ने प्रदेश अध्यक्ष चुनाव की कसौटी को और सख्त कर दिया है।
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