PAU में मिलेंगे गेहूं के बेहतर किस्म के बीज, 21 सितंबर से लगेगा किसान मेला Ludhiana News
किसानों को नई किस्म के बीज खरीदने के लिए जागरूक किया जाएगा ताकि वे हर साल होने वाले नुकसान से बच सकें। इस बार यह किसान मेला 21 और 22 सितंबर को पीएयू में लगेगा।
लुधियाना, [आशा मेहता]। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की ओर से प्रदेश भर में किसान मेले लगाए जा रहे हैं। पीएयू की ओर से इस बार किसान मेलों में गेहूं की नई किस्मों के ऐसे बीज उपलब्ध करवाएं जा रहे हैं, जो कई बीमारियों से लडऩे में सक्षम होंगे। साथ ही किसानों को गेहूं की नई किस्मों के बीज खरीदने के लिए जागरूक किया जा रहा है, ताकि वे हर साल होने वाले नुकसान से बच सकें। इस बार यह किसान मेला 21 और 22 सितंबर को पीएयू में लगेगा। अलावा हिमाचल और हरियाणा से भी किसानों के आने की संभावना है।
पीएयू के सीड डायरेक्टर डॉ. तरसेम सिंह ढिल्लों के अनुसार किसान मेले में पीएयू की ओर से विकसित की गई गेहूं की उन्नत पीबीडब्ल्यू 343 किस्म, पीबीडब्ल्यू वन जिंक, पीबीडब्ल्यू 725 किस्म, पीबी डब्ल्यू 677 किस्म के बीज दिए जाएंगे। यह सभी नई किस्में है। उन्होंने कहा कि उन्नत पीबीडब्ल्यू 343 किस्म की विशेषता यह है कि इसे पीली कुंगी नहीं लगती। इसका उत्पादन भी सबसे अधिक 23.2 क्विंटल प्रति एकड़ है। दूसरी तरफ मेले में पूसा इंस्टीट्यूट दिल्ली द्वारा विकसित की गई गेहूं की एचडी 3086 के बीज भी मिलेंगे, जो पीली कुंगी से लडऩे में सक्षम हैं।
पीली व भूरी कुंगी से लडऩे सक्षम है पीबीडब्ल्यू 677 किस्म
पीबीडब्ल्यू 677 किस्म पीली कुंगी और भूरी कुंगी दोनों से लडऩे में समक्ष है। इसका प्रति एकड़ उत्पादन साढ़े 22 क्विंटल है। इस वैरायटी की खासबात यह है कि इसे पापुलर के बीच भी बोया जा सकता है।
पापुलर के बीच भी बीजा जा सकता है पीबीडब्ल्यू 725
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि पापुलर के बीच लगाई जाने वाली गेहूं की एक और किस्म पीबीडब्ल्यू 725 विकसित की है। इस वैरायटी का उत्पादन प्रति एकड़ 22.9 क्विंटल है। इसके अलावा उन्नत पीबीडब्ल्यू 550 के किस्म के बीज भी होंगे। यह वैरायटी भी पीली कुंगी और भूरी कुंगी से लडऩे में सक्षम है और प्रति एकड़ इसका उत्पादन 23 क्विंटल है। इस वैरायटी की एक खासबात यह है कि यह लेट बिजाई के लिए है। इसकी बिजाई नवंबर के दूसरे सप्ताह से चौथे सप्ताह के बीच हो सकती है।
लेट बिजाई के लिए है गेहूं की 752 किस्म
लेट बिजाई के लिए एक और किस्म पीबीडब्ल्यू 752 वैरायटी का बीज भी मेले में मिलेगा। इस किस्म की बिजाई नवंबर के चौथे सप्ताह से लेकर दिसंबर अंत तक की जा सकती है। लेट बिजाई वाली गेहूं की किस्में उन किसानों के लिए फायदेमंद होगी, जो सब्जियों के बाद गेहूं की बिजाई करते हैं। यह किस्म भी पीली कुंगी से लडऩे में सक्षम है और प्रति एकड़ उत्पादन 19.2 क्विंटल है।
जिंक से भरपूर गेहूं की नई किस्म पीबीडब्ल्यू वन
पीएयू के सीड डायरेक्टर डॉ. तरसेम सिंह ढिल्लों के अनुसार किसान मेले में पीएयू द्वारा विकसित गेहूं की पीबीडब्ल्यू वन जिंक वेरायटी के बीज भी मिलेंगे। इस वेरायटी में जहां जिंक भरपूर मात्रा में है, वहीं यह किस्म गेहूं की फसल में लगने वाल बीमारी पीली कुंगी व भूरी कुंगी से भी बचाएगी। उत्पादन के मामले में भी पीबीडब्ल्यू वन जिंक किस्म बेहतर है। प्रति एकड़ 22.5 क्विंटल पैदावार है। इसकी फसल 151 दिन में पककर तैयार हो जाती है। बीजाई का सही समय अक्टूबर का चौथा सप्ताह बताया गया है। पीबीडब्ल्यू वन जिंक पंजाब समेत सारे उत्तर पश्चिमी भारत में लगाई जा सकती है।
गर्भस्थ शिशु के लिए फायदेमंद होगा पीबीडब्ल्यू वन
डॉ. तरसेम सिंह ढिल्लों ने कहा कि एक बड़ी आबादी जिंक की कमी से जूझ रही है। इसकी कमी से गर्भस्थ शिशु के शारीरिक व मानसिक विकास पर भी असर पड़ता है। वहीं, बच्चों में जिंक की कमी होने पर शारीरिक विकास धीमा व प्रतिरोधक तंत्र कमजोर हो जाता है। इसी को ध्यान में रखकर पीएयू ने गेहूं की यह नई किस्म तैयार की है।
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