ब्रेस्ट फीडिंग से कम होता है कैंसर का खतरा
सराभा नगर स्थित सैपलिग अस्पताल में वर्ल्ड ब्रेस्ट फीडिग वीक मनाया गया। इसमें महिलाओं को ब्रेस्ट फीडिग के फायदे बताए गए। माहिर डॉक्टरों का कहना है कि जो महिलाएं अपने नवजात बच्चों को ब्रेस्ट फीडिग कराती हैं उन्हें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा नहीं रहता। मां का दूध बच्चे के लिए वरदान है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : सराभा नगर स्थित सैपलिग अस्पताल में वर्ल्ड ब्रेस्ट फीडिग वीक मनाया गया। इसमें महिलाओं को ब्रेस्ट फीडिग के फायदे बताए गए। माहिर डॉक्टरों का कहना है कि जो महिलाएं अपने नवजात बच्चों को ब्रेस्ट फीडिग कराती हैं, उन्हें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा नहीं रहता। मां का दूध बच्चे के लिए वरदान है।
इस अवसर पर नियोनेटोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अश्वनी सिघल ने कहा कि वर्तमान समय की नई पीढ़ी अपने शारीरिक फिगर को लेकर काफी सतर्क रहती है, लेकिन इसके लिए ज्यादातर महिलाएं कुदरती चीजों की अनदेखी भी कर देती हैं। डा. सिघल ने कहा कि बच्चे को जन्म से लेकर एक साल तक ब्रेस्ट फीड देना मां और बच्चा दोनों के लिए फायदेमंद है क्योंकि ब्रेस्ट फीडिग कराने वाली महिला ब्रेस्ट कैंसर जैसे घातक रोगों से सुरक्षित रहती है, वहीं मां का दूध बच्चे को कई बीमारियों से बचाता है। जन्म के तुरंत बाद निकलने वाला पीले रंग का दूध बच्चे के लिए अमृत के समान है। उन्होंने कहा कि पहली बार मां बनने वाली महिलाएं सही ढंग से ब्रेस्ट फीड नहीं दे पाती हैं। अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को यह दूध बच्चे को पिलाने के लिए जागरूक करने की खातिर गोल्डन रिबन कैंपेन चलाई गई है। पहले बच्चे की मां बनने वाली महिलाओं को सही ढंग से ब्रेस्ट फीड देने के तरीके बताए गए और इस संबंध में उनके मन में पैदा हो रहे भ्रम व गलत धारणाओं को भी दूर किया गया।
महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. वनीत कौर ने कहा कि ब्रेस्ट फींडिग कराने वाली महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से सुरक्षित रहती हैं। लगातार बदल रही जीवन शैली के कारण जहां ब्रेस्ट कैंसर बढ़ रहा है, वहीं बच्चों को ब्रेस्ट फीड देकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। इस दौरान बच्चों के लिए फोटोग्राफी का विशेष प्रबंध करने के साथ ही बेहतरीन काम करने वाली स्टाफ नर्सों को सम्मानित भी किया गया।