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परिवार के सदस्यों के खुलवाए सैलरी अकाउंट, छह साल में कंपनी के 72 लाख हड़पे

सिक्योरिटी सर्विस कंपनी में कार्यरत महिला एचआर और दो फील्ड अधिकारियों ने वेतन के लिए खाते (सैलरी अकाउंट) खोलने के नाम पर गोलमाल कर लाखों रुपये का चूना लगा दिया। परिवार के सदस्यों के नाम पर पारिवारिक सदस्यों के नाम पर सैलरी अकाउंट खुला लिए और हर महीने कंपनी से वेतन के रूप में लाखों हड़प गए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Aug 2021 07:46 AM (IST)Updated: Fri, 06 Aug 2021 07:46 AM (IST)
परिवार के सदस्यों के खुलवाए सैलरी अकाउंट, छह साल में कंपनी के 72 लाख हड़पे
परिवार के सदस्यों के खुलवाए सैलरी अकाउंट, छह साल में कंपनी के 72 लाख हड़पे

जागरण संवाददाता, लुधियाना : सिक्योरिटी सर्विस कंपनी में कार्यरत महिला एचआर और दो फील्ड अधिकारियों ने वेतन के लिए खाते (सैलरी अकाउंट) खोलने के नाम पर गोलमाल कर लाखों रुपये का चूना लगा दिया। परिवार के सदस्यों के नाम पर पारिवारिक सदस्यों के नाम पर सैलरी अकाउंट खुला लिए और हर महीने कंपनी से वेतन के रूप में लाखों हड़प गए। तीनों ने मुलाजिमों ने छह साल में कंपनी को करीब 72 लाख रुपये का चूना लगा डाला। थाना डिवीजन नंबर छह की पुलिस ने इंडियन सिक्योरिटी सर्विस की एचआर तजिदर कौर, कंपनी के फील्ड अफसर जसवीर सिंह, पत्नी गुरप्रीत कौर, पिता प्रीतम सिंह, माता नरिदर कौर, साला रणजीत सिंह, फील्ड अफसर राजविदर सिंह, पत्नी कुलवीर कौर, बेटा हरदविदर सिंह और पिता स्वर्ण सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।

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सब इंस्पेक्टर सुलखन सिंह ने बताया कि ढोलेवाल स्थित संधू टावर में इंडियन सिक्योरिटी सर्विस के मालिक जुगराज सिंह संधू ने अक्टूबर 2020 में पुलिस कमिश्नर के पास शिकायत दी थी। इसमें बताया गया था कि उनकी कंपनी हर महीने अपने सिक्योरिटी गार्डो को वेतन जारी करती है। सभी गार्डो के बैंक खाते खुलवाकर उनके खाते में वेतन डालने का काम कंपनी की एचआर और दो फील्ड अफसर करते थे। तीनों ने कंपनी की जाली मोहरें बनाकर अपने पारिवारिक सदस्यों के करीब 10 बैंक खाते खुलवा लिए। कंपनी के रजिस्टर से छेड़छाड़ कर हर महीने उनके खातों में वेतन ट्रांसफर करते रहे। तीनों वर्ष 2014 से यह फर्जीवाड़ा कर रहे थे। करीब ढाई साल पहले तजिदर कौर ने नौकरी छोड़ दी थी। जसवीर सिंह डेढ़ साल पहले काम छोड़ कर जा चुका है। राजविदर सिंह भी आठ माह पहले जा चुका है। अगस्त 2020 में हुए कंपनी के आडिट में यह फर्जीवाड़ा उनके सामने आया।


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