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लुधियाना में रिश्वत का फेसबुक लाइव, आरटीआइ एक्टिविस्ट ने पकड़ा निगम का घूसखोर प्लंबर

Facebook live sting operation लुधियाना में एक आरटीआइ एक्टिविस्ट ने नगर निगम के प्लंबर का फेसबुक लाइव स्टिंग किया और उसे रिश्वत लेते हुए पकड़ा। रिश्वत मामले में पकड़े जाने के बाद निगम ने प्लंबर का लाइसेंस रद कर दिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 04:49 PM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2020 07:01 PM (IST)
आरटीआइ एक्टिविस्ट रोहित सभ्रवाल कमिश्नर दफ्तर के बाहर धरने पर बैठे हुए। जागरण

जेएनएन, लुधियाना। Facebook live sting operation: नगर निगम में भ्रष्टाचार इस कदर फैला हुआ है कि रिश्वत लेते वक्त कर्मचारी यहां तक नहीं देखते कि वह रिश्वत किससे ले रहे हैं। हद तो तब हुई जब निगम के एक प्लंबर ने उस आरटीआई एक्टिविस्ट से एक हजार रुपये रिश्वत मांग ली, जिसने निगम के कमिश्नर तक को हाईकोर्ट में कई मामलों में घसीटा है।

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आरटीआइ एक्टिवस्ट रोहित सभ्रवाल से रिश्वत मांगना प्लंबर को महंगा पड़ गया। रोहित सभ्रवाल ने फेसबुक पर लाइव होकर स्टिंग किया और प्लंबर को 1000 रुपये रिश्वत लेते हुए पूरे शहर को दिखाया। फेसबुक लाइव के दौरान पहले तो प्लंबर इसे फाइल चार्जेज बताता रहा, लेकिन बाद में वह मान गया कि यह रिश्वत के तौर पर ली गई राशि थी। इसके बाद रोहित सभ्रवाल नगर निगम जोन डी में कमिश्नर दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गए। उसके बाद अफसरों ने प्लंंबर का लाइसेंस रद कर दिया और इसकी एक प्रति रोहित सभ्रवाल को सौंपी। कार्रवाई के बाद रोहित सभ्रवाल ने अपना धरना खत्म किया।

रोहित सभ्रवाल ने बताया कि उनके दो खाली प्लांट हैं। उन्होंने उनके लिए पानी का कनेक्शन ऑनलाइन अप्लाई किया। ओएंडएम ब्रांच ने उन्हें एक प्लाट के पानी के कनेक्शन की रसीद दे दी, लेकिन दूसरे की रसीद इस प्लंबर ने अपने पास रख ली। वह इस रसीद देने के बदले में एक हजार रुपये मांग रहा था। उन्होंने बताया कि वीरवार को प्लंबर का फोन आया कि आपका ड्राइवर रसीद लेकर नहीं गया। जिस पर उन्होंने अपने ड्राइवर को रसीद लेने को कहा।

ड्राइवर ने उन्हें बताया कि प्लंबर 1000 रुपये मांग रहा है। रोहित सभ्रवाल ने बताया कि वह सुबह पहले जोन डी में गए लेकिन प्लंबर वहां मौजूद नहीं था। फोन करने पर उसने किचलू नगर में बुलाया। उन्होंने बताया कि रिश्वत देने से पहले उन्होंने फेसबुक लाइव शुरू कर दिया था और प्लंबर ने रसीद निकाल कर दी तो उसके बदले एक हजार रुपये पकड़ लिए। यह सब फेसबुक पर लाइव चल रहा था।

उन्होंने बताया कि उसके बाद वह नगर निगम जोन डी आए और धरने पर बैठ गए। जहां अफसरों ने पहले तो कहा कि यह निगम कर्मी नहीं है। जिस पर उन्होंने कहा कि अगर व निगम का कर्मचारी नहीं है तो उसके पास उनकी रसीद कहां से आई। आनन फानन में ओएंडएम ब्रांच के एसई ने एडीओ को आदेश जारी कर प्लंबर का लाइसेंस रद करने के आदेश जारी कर दिए।


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