नेताजी से लगता है डर : छापामारी की अफवाह फैलते ही खाली हो जाते हैं दफ्तर
जब से लोक इंसाफ पार्टी के विधायक सिमरजीत सिंह बैंस ने सरकारी कार्यालयों में छापेमारी शुरू की है तब से आरटीए कार्यालय के कर्मचारियों की मुसीबत दोगुनी बढ़ गई है।
लुधियाना [राजेश शर्मा]। विजिलेंस का खौफ रीजनल ट्रासपोर्ट अथॉरिटी (आरटीए) कार्यालय में इतना है कि अकसर छापामारी की अफवाह फैलते ही कार्यालय खाली हो जाते हैं। इस दौरान वहा कार्यरत प्राइवेट कारिंदे तो भागते ही हैं साथ में सरकारी बाबू भी कार्यालयों को ताला जड़कर गायब हो जाते हैं। जब से लोक इंसाफ पार्टी के विधायक सिमरजीत सिंह बैंस ने सरकारी कार्यालयों में छापेमारी शुरू की है, तब से आरटीए कार्यालय के कर्मचारियों की मुसीबत दोगुनी बढ़ गई है। बीते सप्ताह भी कुछ ऐसा ही हुआ। अफवाह फैली कि विधायक बैंस समर्थकों के साथ आरटीए कार्यालय में आ रहे हैं। देखते ही देखते निजी कारिंदे गायब हो गए व कई बाबुओं के कमरों पर ताले लग गए। वहा खड़े आवेदक बात कर रहे थे पहले सिर्फ विजिलेंस से भागना पड़ता था अब बैंस से भी भागना पड़ रहा है।
एक फूल दे रहा, दूसरा चालान
देश की दुर्दशा के लिए जो अहम वजह सामने आ रही है, उनमें प्रमुख रूप से एक है सरकारी विभागों में आपसी तालमेल की कमी। एक विभाग दक्षिण की ओर चलता है तो दूसरे का मुंह उत्तर की ओर होता है। लुधियाना में इन दिनों ट्रैफिक पुलिस व रीजनल ट्रासपोर्ट अथॉरिटी कार्यालय के हालात भी कुछ ऐसे ही हैं। ट्रैफिक जागरूकता सप्ताह के दौरान पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने आदेश जारी किए कि पूरा सप्ताह ट्रैफिक पुलिस चालान न काटकर वाहन चालकों को जागरूक करने का काम करेगी। नियमों का पालन करने वालों का फूल देकर हौसला भी बढ़ाएगी। आदेश का पालन पहले दिन से ही होने लगा। उधर, इसके विपरीत रीजनल ट्रासपोर्ट अथॉरिटी कार्यालय ने अपने अधिकारियों को फील्ड में उतारकर चालान काटने के लिए कह दिया। एक वाहन चालक ने प्रतिक्रिया दी कि दोनों विभाग ट्रैफिक अवेयरनेस के लिए कम से कम सलाह मशविरा तो कर लेते।
साहब ने माना, होती है दलाली
जब भी किसी सरकारी अधिकारी से बात करो कि उनके विभाग में दलालों की घुसपैठ है तो वह इसे आरोप बताकर सिरे से ही नकार देते हैं। लेकिन बीते दिनों एक विभाग प्रमुख ने मान लिया कि उनके यहा दलालों की घुसपैठ है। यह मानना बातों तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि अधिकारी ने लिखित तौर पर इस मोहर लगा दी कि उनके विभाग में दलालों की घुसपैठ है। मामला है चंडीगढ़ रोड पर ड्राइविंग ट्रायल ट्रैक का। यहां पर दलालों के मकड़जाल में फंसे आवेदक अकसर शिकायत करते थे कि दलालों ने उनसे पैसे भी ले लिए दस्तावेज भी। लेकिन ना होने पर ना तो पैसे वापस कर रहे हैं और ना ही दस्तावेज। ऐसी शिकायतों के बाद एसडीएम पूर्वी अमरजीत सिंह बैंस ने ट्रैक कार्यालय के बाहर दलालों की एंट्री बंद के बोर्ड ही लगवा दिए गए हैं। शुक्र है कि किसी ने तो माना उनके यहां दलालों की घुसपैठ है।
पंगा पै ही गया
भारतीय जनता पार्टी के नए जिला प्रधान के चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है। किसी भी दिन इसकी घोषणा हो सकती है। वर्तमान प्रधान जतिंदर मित्तल एक वर्ष तक प्रधान रहे। उनका पूरा कार्यकाल बिना किसी विवाद के ही निकल गया, लेकिन अंतिम दिनों में विधानसभा क्षेत्र पश्चिम के इंचार्ज कमल चेतली की इमारत सील करने पर भाजपा नेताओं ने निगम जोन डी में धरना लगा दिया। इस दौरान वहा काग्रेस पार्षद भी पहुंच गए। मेयर बलकार सिंह संधू के सामने ही भाजपा व काग्रेस पदाधिकारी उलझ गए। शात स्वभाव के जतिंदर मित्तल भी इस दौरान वहां मौजूद थे। काफी गहमागहमी के बाद आखिरकार कुछ नेताओं ने मामले को शात करवाया। इतने में वहा मौजूद भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने जतिंदर मित्तल से बातचीत के दौरान चुटकी लेते हुए कहा कि प्रधान जी तुहाडा कार्यकाल भी सुक्का नहीं गया, आखिरकार पंगा पै ही गया।
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