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आरएसएस की ईको ब्रिक्स मुहिम बनाएगी शहर को पालीथिन मुक्त

पालीथिन और कोल्ड ड्रिंक की प्लास्टिक वाली बोतल दोनों ही पर्यावरण के लिए घातक हैं। प्लास्टिक मिट्टी में मिलकर जमीन की उर्वरक शक्ति को खत्म कर देती है। इसे आग लगाई जाए तो हवा बेहद प्रदूषित हो जाती है।

By Vipin KumarEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 07:51 AM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 07:51 AM (IST)
आरएसएस की ईको ब्रिक्स मुहिम बनाएगी शहर को पालीथिन मुक्त
इको ब्रिक्स से तैयार हो रहा घर।

लुधियाना [राजेश भट्ट]। पालीथिन और कोल्ड ड्रिंक की प्लास्टिक वाली बोतल दोनों ही पर्यावरण के लिए घातक हैं। प्लास्टिक मिट्टी में मिलकर जमीन की उर्वरक शक्ति को खत्म कर देती है। इसे आग लगाई जाए तो हवा बेहद प्रदूषित हो जाती है। पालीथिन व कोल्ड ड्रिंक की बोतलों के प्रदूषण से बचाव के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ईको ब्रिक्स बनाने की एक अनूठी पहल की है।

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आरएसएस की मुहिम से पर्यावरण तो बचेगा हीं साथ ही शहर पालीथिन व प्लास्टिक मुक्त बनाने मे मदद मिलेगी। इस मुहिम के तहत लोगों को ईको ब्रिक बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। दो ईको ब्रिक बनाने वाले व्यक्ति को स्वयंसेवक एक कपड़े का थैला देंगे। ईको ब्रिक बनाने के लिए कोल्ड ड्रिंक की बड़ी बोतलों में पालीथिन के लिफाफे ठूंस-ठूंस कर भरना हैं। जब बोतल भर जाएगी तो एक ईको ब्रिक बन जाएगी। ऐसी दो ईको ब्रिक तैयार करने पर स्वयंसेवक इसे ले जाएंगे। फिर बदले में कपड़े का थैला देंगे और पालीथिन व प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहेंगे।

ईको ब्रिक इकट्ठा करने के लिए आरएसएस शहर में अलग-अलग स्थानों पर कलेक्शन सेंटर बनाने की योजना भी बना रहा है। अगर कोई ज्यादा ब्रिक्स तैयार करता है तो उसे घर में अलग-अलग तरह से इस्तेमाल कर सकता है। आरएसएस की हरियावल पंजाब के प्रांत प्रमुख राम गोपाल ने बताया कि यह मुहिम पूरे पंजाब में शुरू की गई है। कुछ जिलों में कलेक्शन सेंटर बना दिए गए हैं। जैसे जैसे रिस्पांस मिल रहा है वैसे वैसे वहां पर कलेक्शन सेंटर तैयार किए जा रहे हैं। पहले फेज में लोगों को घरों में ही ब्रिक्स का इस्तेमाल करने को कहा जा रहा है।

पार्कों की ब्यूटीफिकेशन से लेकर घर बनाने में हो रहा इस्तेमाल
प्रांत प्रमुख राम गोपाल बताते हैं कि जब बोतलों में पालीथिन को भरा जाता है तो यह ठोस हो जाती हैं। इन ईको ब्रिक को घर के निर्माण के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा पार्कों में ब्यूटीफिकेशन, बैठने के लिए स्टूल भी बनाए जा रहे हैं।

युवाओं को कर रहे प्रेरित
हरियावल पंजाब मुहिम के जिला सह संयोजक सिद्धार्थ जिंदल बताते हैं कि मुहिम से युवाओं को जोडऩे की कोशिश की जा रही है। इसका मकसद पर्यावरण को बचाना है। जैसे ही स्कूल-कालेज खुलेंगे, उन तक इस मुहिम को पहुंचाया जाएगा, ताकि मुहिम घर -घर जाए और लोग पालीथिन का इस्तेमाल न करें।

200 वर्ग गज धरती को बचाएगी एक ईको ब्रिक

ईको ब्रिक बनाने के लिए दो लीटर की बोतल में 700 ग्राम पालीथिन को भरा जा सकता है जबकि एक लीटर की बोतल में 350 ग्राम पालीथिन भरा जा रहा है। राम गोपाल ने बताया कि 700 ग्राम पालीथिन से करीब 200 वर्ग गज धरती प्रदूषित होती है। इस तरह ईको ब्रिक 200 वर्ग गज धरती को भी प्रदूषित होने से बचाएगी। इससे गाय समेत कई जानवर बच जाएंगे।


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