डीसी ने किया हस्तक्षेप तो रिटायर्ड रेलवे कर्मी को अस्पताल में मिला बेड, जानें क्या है मामला
शहर में काेराेना के मामले बढ़ने के साथ ही अब अस्पतालाें में दूसरी बीमारियाें के मरीजाें काे बेड़ नहीं मिल रहे है। अाए दिन लाेगाें काे परेशानियाें का सामना करना पड़ रहा है।
लुधियाना, जेएनएन। किदवई नगर में एक बुजुर्ग को डीसी के हस्तक्षेप पर अस्पताल में बेड मिला। 83 वर्षीय रिटायर्ड रेलवे कर्मी बेअंत अरोड़ा की बहू रजनी अरोड़ा ने बताया कि वीरवार रात करीब सवा सात बजे उनके ससुर को सांस की गंभीर तकलीफ हो गई। वह उन्हें फोर्टिस अस्पताल ले गए लेकिन उन्हें यह कहकर गेट से ही वापस लौटा दिया गया कि वहां पर बेड नहीं है।
इसके बाद वह उन्हें मोहनदेई ओसवाल अस्पताल ले गए। वहां उनकी हालत को देखते हुए ऑक्सीजन तो लगा दी गई लेकिन उन्हें मरीज को वहां से शिफ्ट कराने को कहा जाने लगा। रजनी के मुताबिक उनके ससुर की हालत बेहद खराब थी। जब कोई रास्ता नहीं सूझा तो उन्होंने डीसी वरिंदर शर्मा से फोन पर संपर्क किया।
डीसी ने मामले का गंभीर नोटिस लिया, जिसके बाद एडीसी संदीप कुमार ने खुद फोन करके पूरी जानकारी ली और उन्हें ओसवाल अस्पताल में भर्ती किया गया। अब उनकी हालत काफी ठीक है। रजनी डीसी का आभार व्यक्त किया।
गाैरतलब है कि शनिवार काे प्रिंसिपल हेल्थ सेक्रेटरी अनुराग अग्रवाल अपने साथ अन्य अधिकारियों को लेकर शहर पहुंचे थे। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों और प्राइवेट अस्पताल प्रबंधकों के साथ बैठक की। इसमें सेक्रेटरी ने दो टूक कहा था कि प्राइवेट अस्पताल में इलाज से मना इनकार करना बर्दाशत नहीं होगा।
एमडी ने ली जिला सेहत अधिकारी की कलास
एमडी तनु कश्यप और पंजाब हेल्थ सर्विस डायरेक्टर अवनीत कौर ने सिविल अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ. राजेश बग्गा समेत दूसरे अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान अधिकारियों ने यहां तक कह दिया कि सेहत विभाग बिल्कुल भी अपडेट नहीं है। कहां मौत हो रही है, कौन मरीज कहां रेफर किया गया है और क्या स्टेटस है इस तक का पता नहीं होता है। इस पर उन्होंने सेहत विभाग का अपना सिस्टम सही करने के निर्देश दिए हैं, नहीं तो कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा है। उनकी ओर से अस्पतालों मे काम कर रहे हेल्थ वर्करों के काम की सराहना भी की है।