नेशनल प्रोफेसर अॉफ सिखईस्म के खिताब से नवाजे सरदार कपूर सिंह आइसीएस को किया याद
सरदार कपूर सिंह आइसीएस की याद में जगराओं के गुरुद्वारा श्री भजनगढ़ साहिब में आयोजित कार्यक्रम में रागी जत्थे ने तांती रागों के साथ कीर्तन किया गया।
जगराओं, हरविंदर सिंह सग्ग। श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा नेशनल प्रोफेसर अॉफ सिखईस्म के खिताब से नवाजे गए और श्री आनंदपुर साहिब मता के रचयिता नामचीन शख्सियत सरदार कपूर सिंह आइसीएस की याद में जगराओं में समारोह का आयोजन किया गया। गुरुद्वारा श्री भजनगढ़ साहिब में आयोजत समारोह के दौरान प्रसिद्ध रागी भाई कुलजीत सिंह ने तांती रागों के साथ कीर्तन किया। सरदार कपूर को श्रद्धा के फूल भेंट करते हुए सिख चिंतक जसपाल सिंह हेरां ने कहा कि सरदार कपूर गुणों के खजाना थे।
उन्होंने कहा कि जब तक श्री आनंदपुर साहिब के मते की बात चलेगी तो उनका नाम आंखों के सामने जरूर आएगा, क्योंकि 1973 में उन्होंने यह मता तैयार किया था। उन्होंने अपने नाम के साथ सरदार इसलिए लगाया था, उनका मानना था कि सिख दुनिया का सबसे बुद्धिमान मनुष्य होना चाहिए। पार्लियामेंट में स्पीच देते हुए उन्होंने बताया था कि केंद्र द्वारा सिख कौम के साथ किस तरह से गद्दारी की गई। वह स्पीच आज भी पार्लियामेंट के रिकॉर्ड में दर्ज है। उनके सच बोलने की प्रवृत्ति अपने आप में एक मिसाल थी। जब 1969 में वह समराला से विधायक की चुनाव लड़ रहे थे तो उन्होंने मंच से एलान किया था कि जिसने अपने केश कटवाए और जो नशे का सेवन करता है वह उन्हें वोट न डालें। उन्होंने अपनी जिंदगी के आखरी पल भी जगराओं में ही बिताए।
इस मौके पर मंच संचालन खालसा परिवार के कोआर्डिनेटर जत्थेदार प्रताप सिंह ने किया। इस अवसर पर सरदार कपूर सिंह के परिवारिक सदस्य गुरनाम सिंह धालीवाल को विशेष तौर पर सम्मानित किया गया। इस मौके पर शिरोमणि कमेटी के सदस्य भाई गुरचरण सिंह ग्रेवाल, खालसा परिवार के सदस्य प्रोफ़ेसर महेंद्र सिंह, प्रिंसिपल चरणजीत सिंह भंडारी, हरदेव सिंह, दीपेंद्र सिंह भंडारी, बलविंदर सिंह, अमरीक सिंह, विश्वकर्मा वेलफेयर सोसायटी के प्रधान प्रितपाल सिंह मणकू, हरनेक सिंह सोई, करनैल सिंह धंजल समेत अन्य उपस्थित थे।