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बच्चों में संस्कार डालें माता-पिता: अचल मुनि

एसएस जैन स्थानक शिवपुरी के तत्वावधान में धर्म सभा का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 06:54 AM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 06:54 AM (IST)
बच्चों में संस्कार डालें माता-पिता: अचल मुनि
बच्चों में संस्कार डालें माता-पिता: अचल मुनि

संस, लुधियाना: एसएस जैन स्थानक शिवपुरी के तत्वावधान में व ओजस्वी वक्ता गुरुदेव अचल मुनि म. ठाणा-5 के सानिध्य में सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने अहोई अष्टमी के अवसर पर खडे़ होकर संकल्प लिया और कहा कि मां बाप को सदा प्रणाम करेंगे। गुरु अचल ने कहा कि बहनें संतान की कामना व दीर्घायु हेतु ये व्रत करती है। इस मौके संतान को भी ध्यान देना है कि वो कभी ऐसा काम न करें, जिसमें उनके माता पिता को नीचा दिखना पडे़। क्योंकि बाकी सारे रिश्ते हमारे पैदा होने के बाद बनते है, पर एक मां ही है जिससे हमारा रिश्ता हमारे पैदा होने से 9 माह पहले बन जाता है। अरे भगवान की भक्ति करने से शायद हमें मां न मिले, पर मां की भक्ति करने से हमें भगवान अवश्य मिलेगा। उन्होंने कहा कि अहोई माता का व्रत किसका सफल होता। जो कभी भ्रृण हत्या नहीं करती। जो अपने बच्चों में नैतिक संस्कार डालती है। जो अपनी संतान से भेदभाव नहीं करती। अगर वो अपने बालकों को धार्मिक व सच्चा इंसान बनाती है। सिर्फ बच्चों को जन्म देना ही काफी नहीं है। बच्चों को सामने मां बाप सदा आदर्श जीवन जीए। संतान अपने मां बाप की सदा सम्मान करे। अपने बड़ों के आगे न बोलें। अतिशय मुनि ने रामायण की कथा की समाप्ति पर कहा कि रावण ने जिदगी का खत्म होते-2 कुछ शिक्षाएं लक्ष्मण को दी थी, अगर वो हमारे जीवन में आ जाएं तो आज भी राम राज्य स्थापित हो सकता है। कभी भी विषय भोगों में अपने आप को मत लगा लेना। अपने और बैगाने की सदा पहचान करना सीखो। शुभ कार्य अतिशीघ्र कर लो व बुरा काम जितना टाल सकते हो टालते चले जाओ।

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