गुरु द्वारा दिए ब्राह्मज्ञान से ही होंगे परमात्मा के दर्शन
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा हरनामपुरा आश्रम में एक दिवसीय सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें साध्वी राजविद्या भारती जी ने कहा कि हमें चितन करना चाहिए
संस, लुधियाना: दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा हरनामपुरा आश्रम में एक दिवसीय सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें साध्वी राजविद्या भारती जी ने कहा कि हमें चितन करना चाहिए कि मानव जन्म पाकर हमने क्या खोया और क्या पाया. आज का मानव जिसने आसमान की ऊंचाइयों को तो छू लिया, समुद्र की गहराइ को भी नाप लिया. पर इस भागदौड़ के चलते मानव सुख के भंडार ईश्वर से कोसों दूर हो गया, जिसके कारण वह बदले में दुख पा रहा है।इंसान सोचता है कि मेरे पास सांसारिक सुख जैसे घर, पुत्र, पत्नी, खाना आदि नहीं है, शायद इसलिए में दु:खी हूँ। परन्तु संतो ने कहा, यदि सुख का अनुभव करना है तो वह भोग में नहीं योग में है।वासना में नहीं उपासाना में, बाहर नहीं भीतर है।उन्होंने कहा कि गुरु के ब्रह्मज्ञान की दीक्षा से ही हम अपने भीतर जा सकते हैं। इसलिए मानव जीवन में गुरु धारण करना अति आवश्यक है।