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लगातार बारिश से किसानों की आलू की फसल खराब, गेहूं पर भी पड़ेगा असर

क्षेत्र में जनवरी माह में बारिश ने पिछले कई माह के रिकार्ड तोड़ दिए हैं। जनवरी शुरुआत के बाद कई दिनों तक लगातार हुई बारिश से इसका फसलों पर काफी प्रभाव पड़ा था। इसके बाद शीतलहर के कारण कई दिनों तक धूप नहीं निकली।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 07:23 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 07:23 PM (IST)
लगातार बारिश से किसानों की आलू की फसल खराब, गेहूं पर भी पड़ेगा असर
लगातार बारिश से किसानों की आलू की फसल खराब, गेहूं पर भी पड़ेगा असर

बिदु उप्पल, जगराओं : क्षेत्र में जनवरी माह में बारिश ने पिछले कई माह के रिकार्ड तोड़ दिए हैं। जनवरी शुरुआत के बाद कई दिनों तक लगातार हुई बारिश से इसका फसलों पर काफी प्रभाव पड़ा था। इसके बाद शीतलहर के कारण कई दिनों तक धूप नहीं निकली। इससे फसलों के नुकसान से अभी सूबे के किसान अभी चिता मुक्त नहीं हुए थे लेकिन बीते दो-तीन दिनों से लगातार बारिश से किसानों के माथे पर चिता की लकीरें और बढ़ गई हैं।

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आलू, गेहूं व अन्य फसलों के खेतों में बरसाती पानी जमा हो रहा है और किसानों को खेतों में से बरसाती पानी की निकासी का कोई समय नहीं मिल रहा है। जगराओं के खेतीबाड़ी विकास विभाग के अफसर डा.रमिदर सिंह ने बताया कि इस बार हुई बारिश से आलू की फसल व अन्य सब्जियों को बहुत नुकसान हुआ है। किसानों ने धान की कटाई के बाद अक्टूबर, नंवबर माह में आलुओं की बीजाई की थी जिनकी पुटाई (खुदाई) फरवरी मार्च में होनी थी लेकिन पिछले दिनों हुई बारिश ने आलुओं की फसल को बुरी तरह प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि अगर लगातार अगले पांच छह दिनों तक आलुओं सहित अन्य फसलों के खेतों में पानी खड़ा रहा तो बहुत नुकसान होगा। इससे आलुओं की क्वालिटी व उत्पादन पर बहुत असर पड़ेगा। सर्वे के बाद दिया जाएगा मुआवजा

डा.रमिदर सिंह ने बताया कि जगराओं ब्लाक में 3200 हेक्टेयर में आलू की बिजाई हुई है और जिसमें से करीब दो से ढाई सौ हेक्टेयर की आलू की फसल बुरी तरह बर्बाद हुई है जिसकी वजह खेतों का स्तर नीचा होना है। उन्होंने कहा कि अब बारिश के बाद माल विभाग की ओर से सर्वे भी होगा और जिन किसानों की फसल पूरी खराब होगी उनको करीब 12000 रुपये प्रति एकड़ सहायता राशि दी जाएगी। फसलों के लिए यह बरतें एहतियात

-डा.रमिदर सिंह ने बताया कि जब आलुओं की फसल में से पानी निकल जाए तो फफूंदी नाशक स्प्रे करना चाहिए ताकि आलुओं को लगने वाला झुलसा रोग से फसल को बचाया जा सकें।

-गेहूं की फसल में तीन प्रतिशत यूरिया व एक प्रतिशत मैगनीसल्फेट का स्प्रे जरूर करें, ताकि गेहूं की फसल को नुकसान से बचाया जा सकें। जब पुटाई होगी तब फसल के नुकसान का चलेगा पता : रणजीत सिंह

गांव गुरुसर के किसान रणजीत सिंह ने बताया कि लगातार बारिश से आलुओं की फसल में पानी ठहरा हुआ है। कापी दिनों से धूप भी नहीं निकली है। पहले भी खेतों से बारिश का पानी भर गया था। ऐसे में अब फसल कितनी खराब व कितना उत्पादन होगा वो मार्च माह में पुटाई के दौरान पता चलेगा। किसानों ने मांगा मुआवजा

बारिश से फसलें खराब होने पर किसानों ने मुआवजे की भी मांग की है। कोठे पोना के किसान राजप्रीत सिंह ने कहा कि क्षेत्र में हजारों किसानों की फसल बारिश से खराब हुई है। अब सरकार को खराब हुई फसलों की गिरदावरी करवाकर मुआवजा देना चाहिए।


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