सीता स्वयंवर में लंका पति रावण व अन्य राजा भी नहीं उठा सके शिव धनुष
श्री सिद्धि विनायक रामलीला क्लब गुरु तेगबहादुर नगर मक्कड़ कालोनी ग्यासपुरा की तरफ से रामलीला मंचन 23 अक्टूबर से जारी है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना
श्री सिद्धि विनायक रामलीला क्लब गुरु तेगबहादुर नगर मक्कड़ कालोनी ग्यासपुरा की तरफ से रामलीला मंचन 23 अक्टूबर से जारी है। यह मंचन तीन नवंबर तक चलेगा।
प्रतिदिन रात नौ बजे से देर रात तक जारी रामलीला में शुक्रवार को सीता स्वयंवर का मंचन किया गया। मिथिला के राजा जनक की ओर से आयोजित सीता स्वयंवर में लंका पति रावण के साथ आए अन्य राजा भी शिव धनुष नहीं उठा सके। इसके बाद सभा में सन्नाटा छा गया। इसके बाद भगवान राम के धनुष उठाते ही टूट जाता है। शिव धनुष टूटते ही जय श्रीराम के जयघोष से पंडाल गुंजायमान हो उठा। इसके बाद परशुराम प्रवेश करते हैं। इसके बाद लक्ष्मण-परशुराम का संवाद देख दर्शक रोमांचित हो गए। शुक्रवार रात कलाकारों ने धनुष यज्ञ से कार्यकम की शुरुआत की। जनक की दरबार में वीर योद्धाओं के साथ भगवान श्रीराम गुरु विश्वामित्र व भाई लक्ष्मण के साथ पहुंचे। आज्ञा पाते ही राजा शिव धनुष को उठाने पहुंचे। धनुष उठाना तो दूर पराक्रमी राजा उसे हिला भी नहीं सके। इसके बाद राजा जनक के साथ जनकपुरी मायूस हो जाती है। तभी गुरु विश्वामित्र राम को धनुष उठाने की आज्ञा देते हैं। राम के धनुष उठाने व प्रत्यंचा चढ़ाते ही धनुष टूट जाता है। शिव धनुष के टूटने ही जय श्री राम के जयकारे से पंडाल गूंज उठा। शिव धनुष टूटने की गर्जना से परशुराम जनक के दरबार में पहुंचे। इसके बाद परशुराम व लक्ष्मण के बीच वाद-विवाद हो जाता है। तभी मंचन में चौपाई पढ़ी जाती है सुनहु राम जेहि शिवधनु तोरा, सहसबाहु सम सो रिपु मोरा.। परशुराम लक्ष्मण संवाद का मंचन देख दर्शक रोमांचित हो उठे। दोनों वीर योद्धाओं के बीच करीब दो घंटे संवाद हुआ। इसके बाद भगवान राम के अनुनय विनय के बाद परशुराम माने। इसके साथ रामलीला का समापन हुआ।
मुख्य रूप से कांग्रेसी नेता संदीप मित्तल, राज सिंह राजपूत जयप्रकाश पटेल पहुंचे जिन्हें स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया। इस रामलीला के मंच पर संचालक प्रधान शुशील पाल, कैशियर सुनील पाल, उप प्रधान विजय पाल, चेयरमैन एमएस राज, प्रचारमंत्री डा. होरीलाल पाल, मैनेजिग डायरेक्टर संतोष वर्मा, अनिल पाल, कृष्ण कांत पाल, संजय गुप्ता, संजय रावत, राम भवन वर्मा, शिवाजी पाल, आनन्द मिश्रा, संतोष पाल, रामसिंह, सुरेश पाल आदि मौजूद रहे।