फिर बारिश हुई तो फसलों को हो सकता है नुकसान, ये सावधानी बरतें किसान
अब तक हुई बारिश सब्जियों और फसलों के लिए काफी फायदेमंद है, लेकिन अगर अब इसके बाद और अधिक बारिश होती है, तो उससे नुकसान झेलना पड़ सकता है।
लुधियाना, [आशा मेहता]। अभी तक मानसून में ही रिकॉर्ड तोड़ बारिश देखने को मिलती रही हैं। लेकिन इस बार तो जनवरी में पड़ रही कड़ाके की ठंड में मूसलधार बारिश ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। पंजाब के कई जिला में अच्छी बारिश हुई है, तो कुछ जगह कम बारिश हुई। अब तक हुई बारिश सब्जियों और फसलों के लिए काफी फायदेमंद है, लेकिन अगर अब इसके बाद और अधिक बारिश होती है, तो उससे नुकसान झेलना पड़ सकता है।
यह कहते हैं पीएयू के पूर्व डायरेक्टर
पीएयू के रिसर्च व मेंबर बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के पूर्व डायरेक्टर डॉ. एसएस गोसल ने कहा कि मंगलवार को पंजाब के कई जिलों में अच्छी बारिश हुई। कुछ इलाकों में कम बारिश हुई। मंगलवार तक जितनी बारिश हुई है, वह गेहूं सहित सब्जियों की फसलों के फायदेमंद है। अगर अब और अधिक बारिश होती है, तो उसका नुकसान होगा। खासकर जहां हैवी सॉयल है, वहां रिस्क है, क्योंकि आजकल धान बहुत लग रहा है। धान वाले खेतों में हार्ड पैन बना होगा। जब बारिश होती है, तो हार्ड पैन की वजह से बारिश का पानी जमीन में सर्कुलेट नहीं हो पाता। खेत में ही पानी खड़ा रहता है। गेहूं की फसल खड़े पानी के लिए बहुत सेंसेटिव होती है। गेहूं के खेत में अगर अधिक समय तक पानी खड़ा रहे, तो पीलापन हो जाता है। कई बार फसल मर भी जाती है। हालांकि जहां रेतली जमीन है, वहां रिस्क नहीं हैं।
लुधियाना में हुई रिकॉर्ड बारिश
सोमवार शाम पांच बजे से लेकर मंगलवार दोपहर ढाई बजे तक जिले में रिकॉर्ड 60.8 मिलीमीटर बारिश हुई। हालांकि तीन बजे के बाद फिर से बारिश शुरू हो गई। चौबीस घंटे में रुक-रुक कर बारिश होने से दिन के तापमान में भी काफी गिरावट दर्ज की गई। अधिकतम तापमान 14.6 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया। जो सामान्य से 4 डिग्री कम रहा। इससे ठिठुरन काफी बढ़ गई। हालांकि न्यूनतम तापमान 11.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 4 डिग्री कम था।
जनवरी में पहली बार हुई इतनी बारिश
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ क्लाइमेट चेंज एंड एग्रीकल्चर मेट्रोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. प्रभजोत कौर की मानें तो पहली बार जनवरी में चौबीस घंटे के दौरान इतनी अधिक बारिश हुई है। वर्ष 1970 में पीएयू में मौसम विभाग स्थापित हो गया था। तब से लेकर पिछले साल तक कभी भी जनवरी के पहले तीन हफ्तों या चौबीस घंटे के बीच 60.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज नहीं की गई। सोमवार शाम पांच बजे से मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 46.4 मिलीमीटर बारिश हुई। इसके बाद दोपहर तीन बजे तक और 14.4 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।
2014 में 1 से 22 जनवरी के बीच 55.5 एमएम हुई थी बारिश
डॉ. प्रभजोत सिद्धू के अनुसार इससे पहले वर्ष 2014 में 1 से 22 जनवरी के बीच 55.5 मिलीमीटर बारिश, वर्ष 2012 में 1 से 22 जनवरी के बीच 52.6 मिलीमीटर बारिश और वर्ष 1985 में 1 से 22 जनवरी के बीच 50 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। इस साल 1 से 22 जनवरी के बीच 68 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। डॉ. सिद्धू के अनुसार अभी भी 24 जनवरी तक बारिश की संभावना है।
किसानों के लिए यह सलाह
किसानों को यही सलाह होगी कि हैवी सॉयल वाले जिन खेतों में पानी जमा होता है, वह पानी की निकासी कर दें। इससे कि पानी गेहूं के खेतों में न खड़ा हो। फिर चाहे वह गेहूं, आलू, टमाटर, मिर्च व दूसरी फसलें हो। किसानों को पता होता है कि उनके किन किन खेतों में पानी जमा होता है। क्योंकि आगामी दो दिनों तक बारिश की संभावना जताई गई। इसके अलावा स्प्रे ऑपरेशन भी अभी न करें।