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माल ढुलाई से मालामाल होगी रेलवे

पटरी से गिरा माल बुकिंग का ग्राफ के शीर्षक से जागरण के 27 जून के संस्करण में खबर प्रकाशित होने के बाद रेलवे हरकत में आ गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 01:25 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 01:25 AM (IST)
माल ढुलाई से मालामाल होगी रेलवे
माल ढुलाई से मालामाल होगी रेलवे

डीएल डॉन, लुधियाना

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पटरी से गिरा माल बुकिंग का ग्राफ के शीर्षक से जागरण के 27 जून के संस्करण में खबर प्रकाशित होने के बाद रेलवे हरकत में आ गई। इसके चलते रेल विभाग तीन साल में माल ढुलाई से दोगुना आमदनी करने का लक्ष्य तैयार करने में जुट गया। फिरोजपुर रेल मंडल के डीआरएम ने बताया, 2024 तक कैरिजंग सिस्टम इतना पुख्ता हो जाएगा कि विभाग को पहले की तरह इंकम आनी शुरू होगी। इसके लिए फिरोजपुर रेल डिवीजन में व्यापार विकास यूनिट स्थापित की है जिसके तहत व्यापारियों से तालमेल रखने के लिए चार अधिकारियों की कमेटी गठित की गई। यह कमेटी जल्द ही व्यापारियों से संपर्क कर माल बुकिग में आ रही परेशानियों को दूर कर रेलवे राजस्व बढ़ाने में पहल करेगी। नार्दन रेलवे में सर्वाधिक माल की बुकिग में लुधियाना रेलवे स्टेशन अव्वल रहा है।

माल ढुलाई में पारंपरिक वस्तुओं व विविध गैर पारंपरिक वस्तुओं की बुकिग को मजबूत किया जाएगा। माल बुकिग से जुड़े संस्थानों को आकर्षित करने के लिए सभी जोनल तथा मंडल स्तर पर एक व्यापार विकास इकाई (बीडीयू) स्थापित की गई। इसके लिए डिवीजन में चार अधिकारियों की कमेटी गठित की। इनमें वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक सुधीर कुमार सिंह, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक चेतन तनेजा, वरिष्ठ मंडल वित्त प्रबंधक लोकेश सिगला तथा वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता एवं विभाग राकेश कुमार शामिल हैं। कमेटी के अधिकारी व्यापार और उद्योग जगत के साथ निरंतर संपर्क करेंगे। उद्यमियों से मीटिग कर बताया जाएगा कि वे रेल सेवा परिवहन संबंधी जरूरतों के लिए कमेटी सदस्यों से कामर्शियल कंट्रोल के माध्यम से कभी भी बातचीत कर सकते हैं।

2015 में हुई माल बुकिग से होगा मुकाबला

पांच वर्ष पहले 2015 में लुधियाना में माल बुकिग 30 करोड़ से ज्यादा थी। तालमेल कमेटी के अधिकारियों का कहना है कि फिर से वैसी व्यवस्था बनाकर करोड़ों का राजस्व अर्जित किया जाएगा। 2016 में जब नोटबंदी हुई तो रेल माल बुकिग में कम फर्क पड़ा। 2017 में जीएसटी लगने से बुकिग काफी कम हो गई। रेल अधिकारी बताते हैं कि 2015 से पहले माल बुकिग करीब 30 करोड़ तक पहुंचती थी, लेकिन वर्तमान में स्थिति दयनीय है।

व्यापारियों का मांग, सड़क ट्रांसपोर्ट से कम हो किराया

व्यापारी पंकज मदान, अमित मदान, लक्ष्मीकांत गुप्ता, विजय सिंह, उमेश सिंह का कहना है कि सड़क ट्रांसपोर्ट से रेल का किराया डेढ़ गुणा ज्यादा होने से परेशान है। इसके कारण रेल से माल भेजना मुश्किल है। रेल से वही माल भेजा जा रहा है जहां रोड की सुविधा नहीं है।रेलवे को चाहिए कि माल किराया में कटौती करें ताकि रेल से माल बाहर भेज सकें।

उद्यमियों की दिक्कतें की जाएंगी दूर

फिरोजपुर रेल मंडल के डीआरएम राजेश अग्रवाल ने कहा कि उद्यमियों की परेशानियों को दूर कर रेलवे राजस्व को बढ़ाया जाएगा। 2024 तक माल बुकिग से राजस्व दोगुणा हो जाएगा।


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