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अमृतसर-दिल्ली रूट पर शताब्दी की जगह दौड़ेगी तेजस, ट्रायल में यात्रियों ने कहा-सफर रहा सुहाना

अमृतसर से नई दिल्ली चलने वाली शताब्दी की जगह अब तेजस चलेगी। हालांकि यह अभी ट्रायल के तौर पर है।

By Edited By: Published: Fri, 26 Apr 2019 06:30 AM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2019 03:22 PM (IST)
अमृतसर-दिल्ली रूट पर शताब्दी की जगह दौड़ेगी तेजस, ट्रायल में यात्रियों ने कहा-सफर रहा सुहाना
अमृतसर-दिल्ली रूट पर शताब्दी की जगह दौड़ेगी तेजस, ट्रायल में यात्रियों ने कहा-सफर रहा सुहाना

जेएनएन, लुधियाना। अमृतसर से नई दिल्ली चलने वाली शताब्दी की जगह अब तेजस चलेगी। यह ट्रेन अाधुनिक सुविधाओं को लैस है और इसमें यात्रियों को भी प्रकार की परेशानी का सामना भी नहीं करना पड़ेगा। हालांकि यह अभी ट्रायल के तौर पर है। वीरवार से इस ट्रेन का शुभारंभ किया गया है। नई दिल्ली से चलकर दोपहर 11.20 पर यह ट्रेन लुधियाना पहुंची। इसमें सफर कर पहुंचे यात्रियों ने शताब्दी की टिकट पर तेजस से सफर पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि उनका सफर बेहद सुहाना रहा। आधुनिक सुविधाओं से लैस यह ट्रेन पीले रंग की है। इसमें बायो टॉयलेट और ऑटोमेटिक स्लाइडिंग डोर लगे हैं। ट्रेन के रुकने पर खुद ही दरवाजे खुलते हैं और ट्रेन के चलते ही खुद ब खुद दरवाजे बंद हो जाते हैं।

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एसी चेयर कार में 56 यात्रियों के बैठने की क्षमता है। जबकि वातानुकूलित स्लीपर कोच में 78 यात्रियों के बैठने की क्षमता है। इसमें सीटें बेहतर है और यात्रियों के लिए आॅडियो और विजुअल एंटरटेनमेंट डिस्प्ले सिस्टम भी है। कोच के सेंटर में यात्रियों के लिए डाइनिंग टेबल है। इसके साथ ही स्टाफ भी आपको वर्दी में ही दिखेगा। तेजस में सफर करने वाले यात्रियों में अमीत मदान, सोनू राणा का कहना है कि रेलवे की ओर से तेजस को चलाना सराहनीय कदम है। यह ट्रेन फिलहाल शताब्दी के समय पर चलाई जा रही रही है, जिससे खासकर उद्यमियों को काफी फायदा मिलेगा।

यह है तेजस कोच की खासियत

  • तेजस के कोच साउंड प्रूफ हैं, ट्रेन के गेट ऑटोमेटिक हैं।
  • हाई-फाई, सीट के पीछे टच स्क्रीन एलईडी, स्मोक डिटेक्टर, सीसीटीवी।
  • यह आकार में बड़ा है और बेहतर, धूप से बचाव के लिए लगे पर्दे पावर से चलेंगे।
  • ट्रेन में बायो वैक्यूम टॉयलेट, इंगेजमेंट बोर्ड, हैंड ड्रायर की सुविधा मुहैया करवाई गई हैं।
  • एग्जीक्यूटिव क्लास में चेयरकार के मुकाबले ज्यादा आरामदायक सीटें हैं। जिनके पीछे सिर के लिए हेडरेस्ट, पैरों के लिए फुटरेस्ट दिए हैं
  • स्टेशनों के बारें में और दूसरी सूचनाएं माइक के अलावा एलईडी पर भी मिलेगी। सीट और चोक के छत के निर्माण के लिए नारंगी और पीले रंग का इस्तेमाल किया गया है।

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