Punjab के सूफी गायक विक्की बादशाह का दिल का दौरा पड़ने से निधन Ludhiana News
लुधियाना के भट्टियां इलाके में रहने वाले विक्की बादशाह को रविवार दोपहर दिल का दौरा पड़ने के बाद सोबती अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
जेएनएन, जालंधर/लुधियाना। सूफी गानों से लोगों के दिलों पर राज करने वाले पंजाब के सूफी गायक विक्की बादशाह का रविवार को दिल का दौरान पड़ने से निधन हो गया। वह 40 वर्ष के थे। विक्की बादशाह का अंतिम संस्कार 9 दिसंबर को गांव भट्टियां स्थित श्मशानघाट में किया जाएगा।
पंजाबी गायक मास्टर सलीम ने सोशल मीडिया के अपने अकाउंट पर निधन की सूचना दी। लुधियाना के भट्टियां इलाके में रहने वाले विक्की बादशाह को रविवार दोपहर दिल का दौरा पड़ने के बाद सोबती अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। लगभग ढाई बजे उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया था। उस समय न उनका बीपी चल रहा था और न ही पल्स चल रही थी। तीन घंटे बाद उन्होंने दम तोड़ दिया। विक्की तीन बच्चों के पिता थे। विक्की बादशाह के निधन पर उनके प्रशंसकों ने शोक जताया है।
तीन घंटे तक जिंदगी बचाने का प्रयास, नहीं मिली कामयाबी
सोबती अस्पताल की डाॅ. मनोज सोबती ने बताया कि विक्की बादशाह के परिवार के लोग अस्पताल लेकर पहुंचे थे। उस समय उनका बीपी नहीं था और न ही पल्स चल रही थी। इमरजेंसी में उनको बचाने का प्रयास किया गया। रविवार दोपहर लगभग 3.30 बजे थोड़े समय के लिए उनका बीपी और पल्स काम करने लगे थे, लेकिन फिर बंद हो गए। डाॅक्टर के अनुसार लगभग तीन घंटे तक उन्हें बचाने के हर प्रयास किए गए, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। बताया जाता है कि एक दिन पहले घर में उन्हें बाथरूम न आने से समस्या आई थी।
छोटी उम्र में कमाया नाम
छोटी सी उम्र में गायकी में नाम कमाने वाले विक्की बादशाह के काफी फैन हैं। सूफी गायकी में उन्होंने अलग ही अमिट छाप छोड़ी है। बादशाह ने असीं मौत नू गले लगाना.., मस्तां नू छेड़ी ना.., मस्ती मस्तां दी.., साईं मारिया जुगनी, सजना नाल मेल करा दे.., जैसे सूफी गानों से एक अलग पहचान बनाई थी।
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