Coronavirus Effect: पंजाब में इनपुट कास्ट बढ़ने से कच्चा माल महंगा, प्रिंटिंग इंडस्ट्री बढ़ाएगी 20% रेट
Coronavirus Effect फेडरेशन के प्रधान प्रो. कमल मोहन चोपड़ा का तर्क है कि 85 फीसद से अधिक प्रिंटर्स माइक्रो सेक्टर में स्थापित हैं। संसाधनों की कमी के चलते वे बाजार के झटकों को सहने में असमर्थ हैं। पिछले साल कोविड के कारण इंडस्ट्री के आस्तित्व पर संकट आया।
लुधियाना, जेएनएन। Coronavirus Effect: कोरोना की चुनौतियों के बीच कच्चे माल की बढ़ रही कीमतों ने प्रिंटिंग इंडस्ट्री की दशा बिगाड़ दी है। कागज, प्लेट्स, केमिकल, स्याही एवं अन्य कच्चे माल की कीमतों में लगातार उछाल आ रहा है। आल इंडिया फेडरेशन आफ मास्टर प्रिंटर्स ने इस महंगाई पर चिंता जताई है। फेडरेशन का तर्क है कि इनपुट कास्ट बढ़ने का असर उत्पाद पर आ रहा है और बाजार में सुस्ती के कारण उस अनुपात में रेट नहीं बढ़ पा रहे हैं, नतीजतन इंडस्ट्री के मार्जेन पर दबाव आ रहा है। ऐसे में प्रिंटिंग इंडस्ट्री के लिए भी 20 फीसद रेट बढ़ाना लाजमी हो गया है। देश में करीब 2.50 लाख प्रिंटिंग इकाइयां हैं। यह इंडस्ट्री सरकारी क्षेत्र, शिक्षा एवं औद्योगिक क्षेत्र की प्रिंटिंग संबंधी तमाम जरूरतों को पूरा करती है।
सरकार को हस्तक्षेप कर कीमत नियंत्रित करनी होगी
फेडरेशन के प्रधान प्रो. कमल मोहन चोपड़ा का तर्क है कि 85 फीसद से अधिक प्रिंटर्स माइक्रो सेक्टर में स्थापित हैं। संसाधनों की कमी के चलते वे बाजार के झटकों को सहने में असमर्थ हैं। पिछले साल कोविड के कारण इंडस्ट्री के आस्तित्व पर संकट आया। अब शिक्षण संस्थान खुलने के कारण कुछ कारोबार चलने लगा था कि कच्चे माल की महंगाई ने नाक में दम कर दिया।
कच्चे माल की कीमतों में करीब 35 फीसद तक का उछाल आ गया है। इसके अलावा माल भाड़ा, लेमिनेशन फिल्म समेत सब कुछ महंगा हो गया है। पेपर बोर्ड, स्ट्रा बोर्ड एवं न्यूज प्रिंट आवश्यक वस्तु कानून के तहत आता है, लेकिन कानून का सख्ती से पालन नहीं हो रहा है। इस संबंध में सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करके कीमतों को नियंत्रण में लाने के उपाय करने होंगे।
उपभोक्ताओं को भी करना होगा सहयोग
फेडरेशन के महासचिव जीएन विश्वकुमार ने कहा कि पिछले पांच माह से कागज के रेट बढ़ रहे हैं। अब प्रिंटिंग इंडस्ट्री के लिए बीस फीसद रेट बढ़ा कर आर्डर की डिलीवरी करना अनिवार्य हो गया है। उपभोक्ताओं को भी प्रिंटिंग इकाइयों को सहयोग करना होगा, अन्यथा यह सेक्टर बंदी के कागार पर आ जाएगा।