पंजाब में चुनाव से पहले चढ़ा सियासी पारा, अभिनेता सोनू सूद ने कांग्रेस नेता के साथ बांटी एक हजार साइकिलें
मंगलवार को अभिनेता सोनू सूद कांग्रेस नेता इंद्रजीत सोनू के साथ नजर आए हैं। उन्होंने गांव दौलतपुरा नीमा में एक हजार साइकिलें बांटी। फिल्म अभिनेता सोनू सूद की बहन मालविका सूद विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं। वह कौन सी पार्टी में शामिल होंगी इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
जागरण संवाददाता, मोगा। पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले मोगा में सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं। चर्चा है कि यहां फिल्म अभिनेता सोनू सूद की बहन मालविका सूद विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं। वह कौन सी पार्टी में शामिल होंगी, इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। इधर, मंगलवार को अभिनेता सोनू सूद कांग्रेस नेता इंद्रजीत सोनू के साथ नजर आए हैं। उन्होंने गांव दौलतपुरा नीमा के चावला मैरिज पैलेस में जिले भर के करीब 850 सौ आशा वर्कर एवं सरकारी स्कूल की छात्राओं को गुलाबी रंग की कुल 1000 साइकिलें एक ही दिन में वितरित की हैं। जहां अब तक कांग्रेस के ज्यादातर नेता सोनू सूद के कार्यक्रमों से अलग-थलग दिखते रहे हैं, वहीं हर कार्यक्रम में उनके साथ रहने वाले जिला योजना बोर्ड के चेयरमैन इंद्रजीत सिंह यहां भी उनके साथ दिखे।
इस मौके पर सोनू सूद ने कहा जब भी वे मोगा आते थे तो सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं को पैदल जाते देखते थे। मजदूरों को कई-कई किलोमीटर दूर से पैदल आते हुए देखा था। तब उनके मन में आया कि जो लोग आर्थिक कारणों से साइकिल तक नहीं ले पा रहे हैं, उन्हें साइकिल की मूलभूत सुविधा देकर राहत दी जाए ताकि छात्राएं अपनी शिक्षा को आसानी से पूरी कर सकें। जो लोग स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े हुए हैं उनका काम भी आसान हो जाए, इसी उद्देश्य से आज यह साइकिल वितरण का कार्यक्रम रखा गया।
कोरोना प्रोटोकाल की उड़ी धज्जियां
पंजाब सूद चैरिटेबल फाउंडेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कोरोना प्रोटोकाल की जमकर धज्जियां उड़ीं। जिले भर से आशा वर्कर और विभिन्न सरकारी स्कूलों की छात्राएं विपरीत मौसम के बावजूद बड़ी संख्या में साइकिल लेने पहुंची।
साइकिल की खुशी के आगे उम्र भी हारी
साइकिल मिलने की खुशी आशा वर्करों में किस प्रकार थी, इसका सबसे बड़ा उदाहरण 60 साल की जसविंदर कौर को देखकर लगाया जा सकता है। गांव कोठे मोहब्बत कीजसविंदर कौर का कहना था। भले ही आज कोरोना संक्रमण फिर से दस्तक दे रहा है लेकिन कोरोना काल में जिस प्रकार से वे घर-घर किट बांटने, दवाई देने, संक्रमित परिवारों के पास हर दिन कई किलोमीटर पैदल जाती थी, तब किसी सरकार ने उन पर ध्यान नहीं दिया। तब सरकार ने उन्हें कोई सुविधा नहीं दी। अब कम से कम साइकिल मिलने से अपने काम को और तेजी से कर पाएंगी।
गीता भवन के निकट की रहने वाली अंजलि साइकिल मिलने से काफी उत्साहित नजर आईं। अंजलि का कहना था कि मथुरादास सिविल अस्पताल में उनकी ड्यूटी है, कोरोना काल में पैदल ही लोगों की सेवा कर रही थी। साइकिल मिलने से अब उन्हें आने जाने में आसानी होगी।
न चेहरे पर मास्क न, गज की दूरी
उधर, जिस प्रकार से इस कार्यक्रम में दो ढाई हजार से ज्यादा की संख्या में लोग पहुंचे। उसमें कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां पूरी तरह उड़ती हुई दिखाई दी। चंद लोगों के चेहरे पर ही मास्क दिखा। 2 गज की दूरी का पूरी तरह उल्लंघन हुआ 1000 की संख्या में साइकिल लेने वाली आशा वर्कर और छात्राएं लाइन में खड़ी हुई थी। तो उनके ठीक सामने परिवारीजन भीड़ के रूप में उनसे भी ज्यादा संख्या में खड़े हुए नजर आए। हालांकि इस दौरान बूंदाबांदी चलती रही लेकिन साइकिल मिलने की खुशी में वे भीगते हुए भी करीब 2 घंटे तक समारोह स्थल पर जमे रहे।