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जमाखोरी से पंजाब में Art & Craft Paper के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी, लुधियाना में प्रिंटर्स ने मनाया ब्लैक डे

लुधियाना के प्रिंटिंग कारोबारियों का आरोप है कि कोरोना महामारी के दौर में कम मांग के बावजूद कार्टल बना कंपनियां कच्चे माल के दामों में बेहताशा वृद्वि कर रही हैं। प्रिंटर्स ने काले बिल्ले लगाकर काम किया और विरोध दर्ज करवाया।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 22 Mar 2021 01:28 PM (IST)Updated: Mon, 22 Mar 2021 01:28 PM (IST)
जमाखोरी से पंजाब में Art & Craft Paper के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी, लुधियाना में प्रिंटर्स ने मनाया ब्लैक डे
लुधियाना में प्रिंटर्स ने जमाखोरी के खिलाफ काले बिल्ले लगाकर काम किया और विरोध दर्ज करवाया।

लुधियाना, जेएनएन। कोविड-19 के कारण कई महीनों से बुरे दौर से गुजर रहे प्रिंटिंग उद्योग को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि कंपनियों की ओर से कच्चे माल के दामों में लगातार इजाफा किया जा रहा है। इस कारण प्रिंटिंग कारोबार तालाबंदी की स्थिति में पहुंच गया है। रा मैटीरियल के दामों में हो रही बेहताशा वृद्वि के बाद मार्केट में बढ़े दामों में तैयार मैटीरियल खरीदने को कोई तैयार नहीं है। प्रिंटिंग कारोबारियों का आरोप है कि कोरोना महामारी के दौर में कम मांग के बावजूद कार्टल बना कंपनियां कच्चे माल के दामों में बेहताशा वृद्वि कर रही हैं। सोमवार को जमाखोरी के खिलाफ लुधियाना के सभी प्रिंटर्स ने काले बिल्ले लगाकर काम किया और विरोध दर्ज करवाया। 

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प्रिंटर एसोसिएशन के प्रधान प्रो. कमल चोपड़ा ने कहा कि लोकल मार्केट में क्राफ्ट पेपर अब 39.50 रुपये में मिल रहा है। पिछले साल अक्टूबर में यह 22.50 रुपये मिल रहा था। वहीं, डुपलेक्स बोर्ड पहले 38 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिलता था। अब यह 55 रुपए प्रति किलो मिल रहा है। व्हाइट पेपर के दामों में 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। बात आर्ट पेपर की करें, तो यह 63 रुपए से 85 रुपए प्रति किलो हो गया है। सफेद प्रिंटिंग पेपर 40 रुपये से बढ़कर 60 रुपये प्रति किलो हो गया है। इसके साथ ही कच्चे माल की उपलब्धता भी नहीं है। यह शार्टेज जानबूझकर दामों को बढ़ाने के लिए की गई है। इससे प्रिंटिंग इंडस्ट्री के लिए इन दिनों काम कर पाना मुश्किल हो गया है। इसी को देखते हुए उन्होंने अपना विरोध दर्ज करवाया है।

कार्टल तोड़े पंजाब सरकार

प्रो. कमल चोपड़ा ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो भविष्य में संघर्ष ओर तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जहां मिलों को दामों को नियंत्रण में लाने के लिए कार्टल को तोड़ना चाहिए। सरकार को भी इसके लिए सख्त रवैया अपनाना चाहिए।

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