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Post matric scholarship Scam: आप के आंदोलन के आगे झुकी पंजाब सरकार, स्कालरशिप की 40 फीसद राशि जारी

Post matric scholarship Scam मान ने कांग्रेस सरकार को दलित विरोधी सरकार का दर्जा दिया और कहा कि कांग्रेस के सांसद खुले आम पवित्र अपवित्र जैसे बयान दे रहे हैं और पार्टी इस मामले में चुप बैठी है। मान ने मंत्री धर्मसोत पर 64 करोड़ हड़पने के आरोप लगाए।

By Vipin KumarEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 08:43 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 08:43 AM (IST)
Post matric scholarship Scam: आप के आंदोलन के आगे झुकी पंजाब सरकार, स्कालरशिप की 40 फीसद राशि जारी
पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप घोटाले के खिलाफ राजनीति गर्माई। (सांकेतिक तस्वीर)

लुधियाना, जेएनएन। Post matric scholarship Scam: पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप घोटाले के खिलाफ आम आदमी पार्टी के विधायक व विधानसभा में उपनेता विपक्ष सर्बजीत कौर माणूके और मनविंदर सिंह ग्यासपुरा के मरण व्रत पर बैठने के पांचवें दिन राज्य सरकार ने स्कालरशिप की 40 फीसद राशि जारी कर दी। आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रधान भगवंत मान ने इसे आप की जीत बताया।

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भगवंत मान व नेता विपक्ष हरपाल चीमा ने उपनेता सर्बजीत कौर व मनविंदर सिंह ग्यासपुरा को जूस पिलाकर मरणव्रत खत्म करवाया। भगवंत मान ने कैप्टन सरकार को चेतावनी दी है अगर कैबिनेट मंत्री साधू सिंह धर्मसोत को मंत्री मंडल से बर्खास्त करके गिरफ्तार नहीं किया जाता तब तक आप अपना आंदोलन जारी रखेगी।

मान ने कांग्रेस सरकार को दलित विरोधी सरकार का दर्जा दिया और कहा कि कांग्रेस के सांसद खुले आम पवित्र अपवित्र जैसे बयान दे रहे हैं और पार्टी इस मामले में चुप बैठी है। मान ने कैबिनेट मंत्री साधू सिंह धर्मसोत पर स्कालरशिप के 64 करोड़ रुपये हड़पने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि अगर एससी-एसटी विद्यार्थियों को समय पर यह स्कालरशिप मिल जाती तो वह अपनी पढ़ाई अच्छे तरीके से कर सकते थे। उन्होंने कहा कि कैप्टन पहले स्कालरशिप जारी न होने के लिए केंद्र सरकार के पाले में गेंद डालते रहे। लेकिन अब सच्चाई सामने आ गई। उन्होंने कहा कि सरकार अब अपने हिस्से के 200 करोड़ रुपये जारी करने को तैयार हुई है।

विधायकों के बच्चों पर तरस, सड़क पर बेरोजगार घूम रहे नजरअंदाज

भगवंत मान ने विधायकों के बेटों को सरकारी नौकरी दिए जाने पर व्यंग करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमिंदर सिंह को विधायकों के बेटों पर तरस आ गया। तरस के आधार पर कैप्टन ने उन्हें नौकरी दे दी। वहीं कैप्टन को न तो सड़क पर नौकरी के लिए आंदोलन करने वाले बेराेजगार युवा दिखे और न ही बार्डर पर धरने पर बैठे किसान। उन्होंने कहा कि कैप्टन ने घर घर रोजगार का वादा किया था और आज उनके हलके में ही बेरोजगार युवाओं पर रोज लाठियां चलाई जा रही हैं।


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