किचन के कूड़े की खाद, लस्सी से स्प्रे; पंजाब की रजनी YouTube से सीख छत पर उगा रहीं बंपर ऑर्गेनिक सब्जियां
फतेहगढ़ साहिब के खमाणो की रजनी ने घर की छत पर सब्जियों की ऑर्गेनिक खेती करके सबके लिए मिसाल पेश की है। रजनी ने सब कुछ यू-ट्यूब से सीखा है। उनकी छत पर अब सब्जियों की जमकर पैदावार हो रही है।
खमाणों (फतेहगढ़ साहिब) [धरमिंदर सिंह]। सब्जी उगाने में इस्तेमाल कीटनाशकों के खतरों से बचने के लिए जिले के कस्बा खमाणो की रजनी ने घर की छत पर सब्जियों की ऑर्गेनिक खेती शुरू कर सबके लिए मिसाल पेश की है। खास बात यह है कि रजनी ने सब कुछ यू-ट्यूब से सीखा और छत को खेत में बदल दिया। उनकी छत पर अब सब्जियों की जमकर पैदावार हो रही है। इसका फायदा रजनी के साथ उनके पड़ोसी और रिश्तेदार भी उठा रहे हैं।
रजनी भारद्वाज करीब 5 वर्ष से छत पर आर्गेनिक खेती कर रही हैं। करीब 1700 वर्ग फीट की छत पर गमलों प्लास्टिक के थैलों, लकड़ी से बने डिब्बों में अलग अलग सब्जियां बीजी हुई हैं। अब तो रजनी का अनुभव इतना हो गया है कि छत पर ही विदेशी सब्जियां भी उगाने लगी हैं। इन दिनों रजनी ने आम सब्जियों के साथ साथ इटालियन सब्जी जुकीनी भी बीज रखी है। बदेशां रोड पर पति राजीव भारद्वाज संग बुटीक चलाने वाली रजनी दिन में 4 घंटे खेती को देती हैं। एक बार बुटीक पर आए किसान ने उन्हें खेती-किसानी की सच्चाई बयां की। किसान ने रजनी को बताया था कि एक बैंगन, जो रातो-रात खेत में तैयार हो जाता है, उस पर कीटनाशक के तौर पर कितनी जहर का स्प्रे होता है। इसके बाद रजनी ने ठान लिया कि खुद ही आर्गेनिक खेती करेंगी।
फतेहगढ़ साहिब के खमाणो में अपने घर की छत पर पति के साथ ऑर्गेनिक तरीके से उगाई सब्जियों की देखभाल करती हुईं रजनी भारद्वाज।
यू-ट्यूब पर मिला छप पर सब्जियां उगाने का आइडिया
पहले उनका विचार ठेके पर जमीन लेकर अपनी खातिर सब्जियों की खेती करना था लेकिन यू-ट्यूब से उन्हें आइडिया मिला कि छत पर भी सब्जियां उगाई जा सकती हैं। पहले प्लास्टिक के थैलों का प्रयोग करते हुए खेती शुरू की। कुछ महीने तो सब्जियों के बीज खराब हो गए लेकिन रजनी ने हिम्मत नहीं हारी और खेती से गुर सीखते हुए छत को खेत बना लिया। इन दिनों उनकी छत पर मटर, जुकीनी, मूली, गोभी, चुकंदर, मेथे, साग, टमाटर, ब्रौकली, शिमला मिर्च, नींबू, स्ट्राबरी उगाई हुई हैं।
स्ट्राबरी का बीज हाल ही में कालका से मंगवाकर लगाया गया। पत्नी के जज्बे को देखकर पति राजीव अब तो खुद भी अपने रिश्तेदारों को प्रेरित करते हैं कि सब्जियां खुद ही उगाकर खाएं। उनका पंद्रह वर्षीय बेटा प्रभ रोजाना मां के साथ सब्जियों को पानी देने का काम करता है। बुटीक पर काम करते लवली ने भी प्रेरित होकर घर में आर्गेनिक खेती की शुरुआत की। शानदार उपलब्धि पर नगर कौंसिल खमाणों की तरफ से रजनी को स्वच्छता अभियान के तहत सम्मानित किया जा चुका है।
डेढ़ महीने में तैयार हो जाती है कूड़े से खाद
रजनी छत पर सौ फीसद आर्गेनिक खेती कर रही हैं। रसोई की वेस्टेज और घर के कूड़े से खाद तैयार की जाती है। करीब डेढ़ महीने में खाद तैयार हो जाती है, जिसका इस्तेमाल सब्जियों में होता है। किसी प्रकार के कीटनाशक की स्प्रे नहीं की जाती। चार से पांच दिन पुरानी लस्सी को पूरी तरह से खट्टास में आने पर इसका इस्तेमाल सब्जियों पर स्प्रे करके किया जाता है। इस आर्गेनिक खाद और लस्सी की स्प्रे से खेतों के मुकाबले ज्यादा झाड़ मिलता है।
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