पंजाब में किसानों व उद्यमियों ने बनाई भारतीय आर्थिक पार्टी, किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी होंगे CM Face
पंजाब में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। सरकार से नाराज किसानों उद्यमियों व्यापारियों एवं श्रमिकों ने एक नए राजनीतिक दल भारतीय आर्थिक पार्टी का गठन किया है। किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी पार्टी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। पंजाब विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक गलियारों में हलचल लगातार तेज हो रही है। सरकार से नाराज किसानों, उद्यमियों, व्यापारियों एवं श्रमिकों ने एक नए राजनीतिक दल 'भारतीय आर्थिक पार्टी' का गठन किया है। सोमवार को स्थानीय रिजार्ट में अखिल भारतीय व्यापार दिवस पर आयोजित समारोह में विभिन्न व्यापारिक एवं औद्योगिक संगठनों के पदाधिकारियों एवं किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी के बीच बातचीत हुई और पार्टी के गठन का एलान किया गया। बहादुरके टेक्सटाइल्स एंड निटिवयर मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन के तरुण बावा जैन को पार्टी का राष्ट्रीय संस्थापक प्रधान नियुक्त किया गया। किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी पार्टी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे।
सभी 117 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी पार्टी
गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि नई पार्टी मिशन पंजाब-2022 की कामयाबी के लिए काम करेगी। पार्टी सूबे की सभी 117 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, भाजपा के कार्यकाल में करोबारी, उद्यमी एवं किसानों की अनदेखी की गई है। भारतीय आर्थिक पार्टी राजनीतिक तौर पर दरकिनार इस सेक्टर के हितों की रक्षा के लिए कार्य करेगी। चढ़ूनी ने कहा कि अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने किसानों को एमएसपी के मुद्दे पर सीधा आवश्वासन नहीं दिया है, जिसके लिए किसान पिछले कई माह से आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि चुनाव में पार्टी की स्थिति मजबूत होगी और इन मुद्दों को प्राथमिकता पर हल कराया जाएगा। उन्होंने निजीकरण नीति का भी विरोध किया।
चढ़ूनी बोले, किसानों के हित के लिए सभी एकजुट
संयुक्त किसान मोर्चे से मतभेद बारे पूछने पर चढ़ूनी ने कहा कि ऐसा नहीं है, किसानों के हित में सभी एकजुट हैं। कुछ स्वार्थी लोगों की ओर से ऐसा प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिर्फ पंजाब में ही हर साल सैकड़ों किसान आत्महत्या कर रहे हैं। किसी भी सरकार ने किसान हित की बात नहीं की। अब वक्त आ गया है कि किसान सत्ता में आकर अपनी लड़ाई लड़ें।
देश भर से 62 नेताओं ने लिया हिस्सा
समारोह के दौरान कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे किसानों के हक में देश भर के व्यापारियों ने समर्थन किया। समारोह में 29 प्रदेशों से आए 62 नेताओं ने हिस्सा लिया। सभी ने एक सुर में कहा कि किसान, मजदूर एवं व्यापारी राजनीति में उतरकर देश की आर्थिकता को फिर से पटरी पर लाने प्रयास करेंगे। पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान तरुण बावा जैन ने कहा कि अब याचना नहीं रण होगा। केंद्र एवं सूबा सरकारों की किसान, मजदूर एवं व्यापार विरोधी नीतियों के खिलाफ अब लामबंद होने का वक्त आ गया है।