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पंजाब की दाखा सीट पर राेचक हाेगा मुकाबला, कैप्टन के 2 पूर्व ओएसडी आमने-आमने ठाेक रहे चुनावी ताल

Punjab Election 2022कैप्टन संधू पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के सबसे करीबी रहे लेकिन उन्होेंने कांग्रेस नहीं छोड़ी। 2019 में हुए दाखा उपचुनाव में कैप्टन ने उन्हें पैराशूट कैंडिडेट बनाकर उतारा था। हालांकि वह शिअद के मनप्रीत अयाली से हार गए थे।

By Vipin KumarEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 08:51 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 08:51 PM (IST)
पंजाब की दाखा सीट पर राेचक हाेगा मुकाबला, कैप्टन के 2 पूर्व ओएसडी आमने-आमने ठाेक रहे चुनावी ताल
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह। (फाइल फाेटाे)

जागरण संवाददाता, लुधियाना। Punjab Election 2022: पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के अपने पद से हटने और फिर नई पार्टी का गठन करने के बाद कई ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हुई हैं, जहां उनके अधीन काम करने वाले राजनीतिज्ञ आमने-सामने ताल ठोंक रहे हैं। एक समय यह उम्मीदवार कांग्रेस के लिए एक ही टेबल पर बैठकर काम करते थे, लेकिन अब वह राजनीतिक अखाड़े में एक-दूसरे पर कटाक्ष करेंगे। ऐसा ही नजारा दाखा विधानसभा सीट से देखने को मिलेगा, जहां पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के 2 पूर्व ओएसडी (आफिसर आन स्पेशल ड्यूटी) संदीप संधू और दमनजीत सिंह मोही चुनाव मैदान में हैं।

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कैप्टन संधू पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के सबसे करीबी रहे, लेकिन उन्होेंने कांग्रेस नहीं छोड़ी। 2019 में हुए दाखा उपचुनाव में कैप्टन ने उन्हें पैराशूट कैंडिडेट बनाकर उतारा था। हालांकि वह शिअद के मनप्रीत अयाली से हार गए थे, लेकिन वह लगातार दाखा और वहां के लोगों के संपर्क में रहे। इस बार कांग्रेस ने उन्हें फिर से दाखा का उम्मीदवार बनाया है। दाखा से कैप्टन संधू का वैसे तो मुख्य मुकाबला शिअद के मनप्रीत अयाली से होगा, क्योंकि यह क्षेत्र शिअद का गढ़ रहा है, लेकिन पंजाब लोक कांग्रेस के दमनजीत सिंह मोही का भी सामना करना पड़ेगा। दमनजीत सिंह दाखा क्षेत्र में अपनी पकड़ रखते हैं और पिछले चुनाव में उन्होंने कैप्टन संधू के लिए काम किया था। इलाके में यह भी चर्चा है कि यदि दमनजीत इस बार जीत से भी वंचित रह जाते हैं, तो उनकी उपस्थिति से ही कांग्रेस के बोट बैंक को बड़ी सेंध लग सकती है। वह युवा कांग्रेस के नेता हैं और इससे पहले सरपंच, जिला परिषद सदस्य और मार्केट कमेटी मुल्लांपुर के चेयरमैन भी रहे हैं।

एक समय दोनों ही नेता चंडीगढ़ सचिवालय में कैप्टन के दाएं-बाएं माने जाते थे। कैप्टन तक पहुंचने के लिए दोनों ही नेता सबसे पावरफुल माने जाते रहे। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री आवास स्थित कार्यालय में भी सारा काम इन्हीं दोनों के जिम्मे होता था। वैसे देखना यह होगा कि शिअद के गढ़ में दोनों नेताओं में से कौन सेंध लगाने में कामयाब हो पाता है। वैसे अब तक इस विधानसभा क्षेत्र में 11 चुनाव व उपचुनाव हुए हैं, जिसमें से आठ बार शिअद विजयी रहा है। 2017 में हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी के एचएस फूलका ने जीत दर्ज की थी, लेकिन उन्होंने बाद में विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद 2019 में हुए उपचुनाव में शिअद के मनप्रीत अयाली ने कांग्रेस के कैप्टन संदीप संधू को 14,672 मतों से पराजित किया था।


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