Punjab Politics: कांग्रेस साढ़े चार साल की उपलब्धियां गिनाने में आगे, लेकिन कैप्टन काे क्रेडिट देने से घबरा रही
Punjab Politics मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि कैप्टन ने 22 साल तक कांग्रेस की सेवा की है और उन्होंने कांग्रेस के लिए काफी काम किया है। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को जिस बेरुखी से रुखस्त किया गया
लुधियाना, [भूपेंदर सिंह भाटिया]। Punjab Politics: भले ही चरणजीत चन्नी के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार पिछले साढ़े चार साल की उपलब्धियां गिनाने में पीछे नहीं है, लेकिन वह इसका क्रेडिट पिछले साढ़े चार साल मुख्यमंत्री रहने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह को देने में कतरा रही है। वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने एक कार्यक्रम में सरकार की खूब उपलब्धियां गिनवाई। जब उनसे पूछा गया कि क्या इसका क्रेडिट वह कैप्टन अमरिंदर सिंह को देते हैं? इस पर वित्त मंत्री का कहना था कि यह उपलब्धियां कांग्रेस सरकार में हासिल हुई हैं और इसका क्रेडिट कांग्रेस को जाता है।
हालांकि उन्होंने कहा कि कैप्टन ने 22 साल तक कांग्रेस की सेवा की है और उन्होंने कांग्रेस के लिए काफी काम किया है। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को जिस बेरुखी से रुखस्त किया गया, उस पर मनप्रीत बादल ने कहा कि एक दिन मनप्रीत बादल (मुझे) को भी जाना है। मनप्रीत ने भी हमेशा नहीं रहना है। कैप्टन साहब की उम्र 78 साल हो चुकी है, जबकि पार्टी द्वारा बनाए गए नए मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी 58 साल के हैं। इसलिए अगली पीढ़ी के लिए रास्ता तो बनाना ही होगा।
आखिर मंत्री आशु को गुस्सा क्यों आता है?
फूड एंड सिविल सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशु को गुस्सा बहुत आता है और वह अपना आपा खो बैठते हैं। कुछ ऐसा ही नजारा लुधियाना के होटल पार्क प्लाजा में देखने को मिला, जब वित्त मंत्री मनप्रीत बादल के सामने एक उद्यमी ने खरी खोटी सुना दी। उद्योगों को इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध न होने की शिकायत करते हुए एक उद्यमी ने जब कहा कि जब कोई व्यक्ति बेटी के लिए लड़का देखने जाता है तो पहले लड़के के परिवार और उसके आसपास की जानकारी लेता है। पंजाब में जब कोई निवेशक आता है तो उसे यहां इंफ्रास्ट्रक्चर ही नहीं नजर आता तो वह निवेश क्यों करेगा। इस पर मंत्री आशु अपना आपा खो बैठे और उन्होंने उद्यमी को कड़क लहजे में संबोधित करते हुए कहा कि लड़के के अलावा उसका कैरेक्टर भी देखा जाता है। पंजाब सरकार का कैरेक्टर बहुत बढ़िया है और निवेशक कैरेक्टर देखकर ही आएंगे।