सीएम चन्नी की सादगी के सभी मुरीद, माेगा के गुरुद्वारे में 5 साल बाद बिताई रात; जमीन पर गद्दा बिछाकर सोए
Punjab Assembly Election 2022 सीएम के लिए श्री गुरुद्वारा साहिब के मुख्य सेवादार संत बाबा गुरदीप सिंह के कमरे में सोने की व्यवस्था की गई थी। वह जमीन पर गद्दा बिछाकर सोए। गौरतलब है कि इससे पहले चन्नी साल 2016 में साइकिल यात्रा के दौरान रात को यहां रुके थे।
मोगा, [सत्येन ओझा]। Punjab Assembly Election 2022: पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अपनी सादगी से अकसर लोगों को प्रभावित करते रहते हैं। वीरवार को अपने मोगा दौरे में उन्होंने किसी होटल या सरकारी गेस्ट हाउस में रुकने के बजाय चंदपुराना स्थित गुरुद्वारा बाबा तेगासिंह में रात्रि विश्राम किया। मुख्यमंत्री वीरवार शाम 6.40 बजे यहां पहुंचे और माथा टेका। गुरुद्वारा प्रबंधन की तरफ से बाबा गुरदीप सिंह ने मुख्यमंत्री चन्नी को सिरोपा भी भेंट किया। रात को शबद-कीर्तन का श्रवण करने के बाद उन्होंने गुरुद्वारे में लंगर छका।
सीएम के लिए श्री गुरुद्वारा साहिब के मुख्य सेवादार संत बाबा गुरदीप सिंह के कमरे में सोने की व्यवस्था की गई थी। वह जमीन पर गद्दा बिछाकर सोए। गौरतलब है कि इससे पहले चन्नी साल 2016 में साइकिल यात्रा के दौरान रात को यहां रुके थे। तब वह विपक्ष के नेता थे। चरणजीत सिंह चन्नी ने उस समय अकाली-भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ साइकिल यात्र निकाली थी। तब उन्होंने इसी गुरुद्वारा साहिब में रात्रि विश्रम की इच्छा जताई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां आकर मन का सुकून मिला है, इससे ज्यादा और कोई मकसद नहीं था। इस स्थान की उनकी जिंदगी में खास महत्ता है।
गुरुद्वारा साहिब में मुख्यमंत्री ने मथुरादास सिविल अस्पताल के चिकित्सकों की टीम से ब्लड प्रेशर भी चेक कराया, जो सामान्य था। उन्होंने गुरुद्वारा साहिब में आने वाली संगत से बातचीत भी की और उनकी समस्याएं सुनीं। रात करीब पौने 12 बजे वह सोने चले गए। सुबह करीब तीन बजे जागने के बाद नित नेम करके सुबह चार बजे चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए। उन्होंने नाश्ते में सिर्फ चाय के साथ बिस्किट लिए।
बाबा के निधन के बाद कम हो गया था नेताओं का आना
करीब दस साल पहले यहां के मुख्य सेवादार संत बाबा नछत्तर सिंह थे। उस समय पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व अकाली नेता सुखदेव सिंह ढींडसा जैसी बड़ी हस्तियां यहां आती रहती थीं। हालांकि उन्होंने यहां रात नहीं बिताई। बाबा की लोकप्रियता के कारण हर राजनीतिक दल के नेता की इच्छा रहती कि उन्हें बाबा आशीर्वाद मिले। उनके निधन के बाद श्री गुरुद्वारा साहिब की सेवा उनके भाई गुरदीप सिंह ने संभाली। उसके बाद से राजनेताओं का आना करीब-करीब बंद हो गया था। अब यह गुरुद्वारा फिर सुर्खियों में है।