Punjab Chunav 2022: बठिंडा शहरी से मनप्रीत बादल को अपने ही देंगे टक्कर, आप व भाजपा-पीएलसी ने कांग्रेस छोड़ आए नेताओं को ही बनाया प्रत्याशी
Punjab Vidhan Sabha Chunav 2022 बठिंडा की छह विधानसभा सीटों में सबसे अहम मानी जाने वाली बठिंडा सीट में इस बार सियासी समीकरण काफी अलग हैं। पहली बार आप व भाजपा-पंजाब लोक कांग्रेस गठजोड़ ने अपने उम्मीदवार ऐसे लोगों को बनाया है जो हाल ही में कांग्रेस छोड़कर आए है।
नितिन सिंगला, बठिंडा। Punjab Vidhan Sabha Chunav 2022 पंजाब की हाट सीटों में एक बठिंडा शहरी विधानसभा सीट इस बार फिर से चर्चा का विषय बनी हुई है। जिले की छह विधानसभा सीटों में सबसे अहम मानी जाने वाली बठिंडा सीट में इस बार सियासी समीकरण काफी अलग हैं। इस सीट पर पहली बार आम आदमी पार्टी (आप) व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) गठजोड़ ने अपने उम्मीदवार ऐसे लोगों को बनाया है, जो हाल ही में कांग्रेस को छोड़कर आए है। वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार मनप्रीत सिंह बादल को भी इन दो उम्मीदवारों से ही कड़ी टक्कर मिलेगी।
आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार एडवोकेट जगरूप सिंह गिल व भाजपा-पीएलसी के साझे उम्मीदवार राज नंबरदार किसी समय कांग्रेस की रीढ़ की हड्डी थे। इन दोनों का कांग्रेस वोट बैंक के साथ आम लोगों में भी अच्छा रूत्बा है। इस स्थिति में कांग्रेस के उम्मीदवार मनप्रीत सिंह बादल की चिंताएं बढ़ना भी संभाविक है, क्योंकि दोनों ही उनके वोट बैंक में सेंधमारी करने का काम करेंगे। आप के एडवोकेट जगरूप सिंह गिल शहर की जाट वोटतो राज नंबरदार हिंदू व सीट पर बहुल अग्रवाल भाईचारे की वोट को कांग्रेस के पाले में जाने से रोक सकते हैं। इस स्थिति में कांग्रेस का वोट बैंक खीसकता है तो सीधा फायदा आप, भाजपा गठजोड़ के साथ शिअद को भी मिलेगा।
मेयर पद न मिलने पर गिल ने छोड़ी थी कांग्रेस
जगरूप सिंह गिल कांग्रेस में चार दशक तक सक्रिय रहे हैैं। पिछले साल जब नगर निगम चुनाव हुए तो उन्हें मेयर न बनाकर एक महिला को मेयर बनाने से नाराज होकर उन्होंने वित्तमंत्री मनप्रीत ङ्क्षसह बादल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। वहीं तीन माह पहले उन्होंने आम आदमी पार्टी में जाने की घोषणा कर दी। इसके बाद आप ने उन्हें बठिंडा शहरी सीट से अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया।
विभिन्न पदों के लिए राज नंबरदार को भी किया गया नजरअंदाज
भाजपा गठजोड़ के उम्मीदवार बने राज नंबरदार भी लंबे समय से कांग्रेस में सक्रिय होकर काम कर रहे थे। किसी समय वित्तमंत्री के खास लोगों में शामिल रहे, लेकिन पिछले कुछ समय से चेयरमैनी से लेकर अन्य महत्वपूर्ण पदों में नियुक्ति को लेकर राज नंबरदार को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा था। इसके चलते उन्होंने पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह व नवजोत सिंह सिद्धू के बीच उत्पन हुए विवाद के दौरान स्वयं को कांग्रेस से अलग कर लिया व कैप्टन का साथ देकर उनके प्रति अपनी वफादारी दिखा मनप्रीत बादल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इसी के चलते उन्हें अब कैप्टन की लोक कांग्रेस पार्टी का टिकट मिला।
जगरूप गिल और राज नंबरदार के पास है अच्छा वोट बैंक
जगरूप सिंह गिल का जहां लाइन पार इलाके में अच्छा वोट बैंक माना जा रहा हैं, वहीं राज नंबरदार शहरी इलाके में अग्रवाल व हिंदू समुदाय का समर्थन हासिल करने में सफल हो सकते हैं। फिलहाल वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल पिछले पांच साल में शहर में विकास की नीति को सफल करार दे मैदान में उतरे हुए हैं व उनका कहना है कि लोग कांग्रेस की नीतियों को वोट डालेंगे। ऐसे में अब देखना होगा कि मनप्रीत सिंह बादल को अपने ही पुराने साथियों से कितना नुक्सान होता है।