कैबिनेट मंत्री कोटली के किए सत्ता विरोधी लहर से पार पाना होगा चुनौती, हैट्रिक के लिए करनी होगी मशक्कत
Punjab Chunav 2022ः सत्ता विरोधी लहर और शहरी वोटरों की नाराजगी काेटली के आड़े आ सकती है। इससे पार पाना कोटली के लिए बड़ी चुनौती बनने जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते गुरकीरत सिंह पहली बार 2012 में खन्ना से चुनाव लड़े थे।
सचिन आनंद, खन्ना (लुधियाना)। Punjab Chunav 2022ः खन्ना विधानसभा से कैबिनेट मंत्री गुरकीरत सिंह कोटली लगातार तीसरी बार कांग्रेस के उम्मीदवार बनाए गए हैं। कोटली इस बार जीत की हैट्रिक की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन सत्ता विरोधी लहर और शहरी वोटरों की नाराजगी उनके आड़े आ सकती है। इससे पार पाना कोटली के लिए बड़ी चुनौती बनने जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते गुरकीरत सिंह पहली बार 2012 में खन्ना से चुनाव लड़े। उन्होंने शिअद के रणजीत सिंह तलवंडी को हराया। 2017 में तिकोने मुकाबले में आप के अनिल दत्त फल्ली को शिकस्त दी। शिअद के तलवंडी तीसरे स्थान पर रहे। लेकिन, इस बार हालात काफी बदल गए हैं।
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फोकल प्वाइंट के विकास को लेकर कर रहे प्रचार
2017 से 2022 तक कोटली सरकार में रहे और आखिर में मंत्री भी बने। ऐसे में इस बार उनके कामों का आकलन लोग कर रहे हैं। हैरत की बात है कि कोटली केंद्र की अमरूत स्कीम के जरिये हुए सीवरेज सुर वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट के अलावा केंद्र की एसपीवी स्कीम के तहत हुए फोकल प्वाइंट के विकास को अपने खाते में डालकर प्रचार कर रहे हैं। इस पर भाजपा लगातार उन पर हमले कर रही है। इसके अलावा रेलवे लाइन पार इलाके की दुर्दशा और खन्ना को जिला बनाने का वादा नहीं पूरा करने के कारण भी गुरकीरत कोटली की राह आसान नहीं है। काेटली की डगर इस बार आसान नहीं लग रही है। विपक्षी दलाें की तरफ से उन्हें कड़ी चुनाैती मिल रही है। इस बार कैप्टन अमरिंदर सिंह भी अलग पार्टी बनाकर चुनाव लड़ रहे हैं। इसका भी विधानसभा चुनाव में असर देखने काे मिल सकता है।