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पंजाब व राजस्थान के लाखों लोग सतलुज के प्रदूषित पानी से 'बीमार', पशु-पक्षी भी रोगों के शिकार

पंजाब में सतलुज नदी में प्रदूषण की मात्रा लगातार बढ़ रही है। लुधियाना की फैक्ट्रियों का केमिकलयुक्त पानी इसमें आ रहा है। पंजाब व राजस्थान में सतलुज का पानी पीने के लिए प्रयुक्त हो रहा है। प्रदूषित पानी पीने से लोग बीमार हो रहे हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 18 Apr 2021 05:04 PM (IST)Updated: Sun, 18 Apr 2021 05:04 PM (IST)
पंजाब व राजस्थान के लाखों लोग सतलुज के प्रदूषित पानी से 'बीमार', पशु-पक्षी भी रोगों के शिकार
फरीदकोट में प्रदूषित हुआ सतलुज का पानी। जागरण

जेएनएन, फरीदकोट। सतलुज दरिया का केमिकलयुक्त प्रदूषित पानी पंजाब व राजस्थान के लोगों को ही नहीं, पशु-पक्षियों को भी गंभीर बीमारियों से ग्रसित कर रहा है। पंजाब से ज्यादा राजस्थान में सतलुज दरिया के पानी का पेयजल के रूप में प्रयोग होता है। ऐसे में राजस्थान में सतलुज दरिया को प्रदूषणमुक्त बनाए जाने के लिए संघर्ष तो चल ही रहा है अब पंजाब में पंजाब निरोआ मंच भी इस संघर्ष का हिस्सा बन गया है। जल्द ही पंजाब व राजस्थान का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से दिल्ली में मिलने जा रहा है।

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सतलुज दरिया में प्रदूषण का बड़ा कारण लुधियाना की फैक्ट्रियां है। इन फैक्ट्रियों का केमिकलयुक्त गंदा पानी बुड्ढा नाले के माध्यम से दरिया में गिरता है, जिसके कारण ही लुधियाना से पहले सतलुज का साफ दिखाई देने वाला पानी लुधियाना क्रास करते-करते पूरी तरह से काला हो जाता है। आलम यह है कि जीवनदायिनी सदानीरा सतलुज के पानी के अंदर से गैस व गैस के बुलबुले सतह पर आसानी से देखे जाते हैं। कुछ जगहों पर जहां पानी ज्यादा प्रदूषित होता है, वहां बदबू भी आती है।

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पिछले कुछ सालों से प्रबुद्ध वर्ग व समाजसेवी संगठनों द्वारा सतलुज दरिया को प्रदूषणमुक्त बनाए जाने के लिए संघर्ष किया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश व केंद्र सरकार द्वारा भी प्रयास किए जा रहे है, परंतु यह प्रयास मौजूदा स्थिति को देखते हुए नाकाफी साबित हो रहे हैं। डाक्टर प्रीतपाल सिंह व केमिकल इंजीनियर जसवीर सिंह ने बताया कि हरिके हेड से लेकर राजस्थान तक सतलुज के पानी में 13 हजार से लेकर 13 लाख तक बैक्टीरिया का स्तर है। यह स्थित बेहद चिंताजनक है।

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पंजाब निरोआ मंच के संयोजक गुरूप्रीत सिंह चंदबाजा के नेतृत्व में मंच के सदस्यों द्वारा विधायक कुलतार संधवां के साथ हरिके हेड व फरीदकोट में विभिन्न जगहों पर दरिया व नहर के पानी का निरीक्षण करने के साथ सैंपल भरे गए। यह सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। चंदबाजा ने बताया कि कुछ साल पहले तक यह पानी केवल मनुष्यों को ही गंभीर रोगों से ग्रसित कर रहा था, परंतु अब पशु-पक्षियों को भी ग्रसित कर रहा है, जिसका खुलसा गत वर्ष आरटीआइ से मिली जानकारी से हुआ है।

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विधायक संधवा व चंदबाजा ने बताया कि जल्द ही पंजाब व राजस्थान का एक प्रतिनिधिमंडल जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मिलने के लिए जाने वाला है, जिसमें वर्तमान स्थिति से मंत्री को अवगत करवाने के साथ ही उनसे ठोस कार्रवाई की भी मांग की जाएगी, जिससे लोगों को शुद्ध पेयजल मिल सके। 


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