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Locust Attack: पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के वीसी ने पाकिस्तान से मांगी ताजा जानकारी Ludhiana News

इस चिट्ठी में पीएयू के वीसी ने लिखा है कि राजस्थान के जैसलमेर बाड़मेर बीकानेर जलोर जोधपुर पाली श्री गंगानगर सहित गुजरात के कच्छ और भुज में टिड्डी दल सक्रिय है।

By Vipin KumarEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 08:36 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 02:10 PM (IST)
Locust Attack: पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के वीसी ने पाकिस्तान से मांगी ताजा जानकारी Ludhiana News
Locust Attack: पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के वीसी ने पाकिस्तान से मांगी ताजा जानकारी Ludhiana News

लुधियाना, जेएनएन। टिड्डी दल के हमले से किसानों की फसलों को बचाने के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ. बलदेव सिंह ढिल्लों ने पाकिस्तान के फैसलाबाद स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर के वाइस चांसलर प्रो. डॉ. मोहम्मद अशरफ को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने टिड्डी दल की ताजा स्थिति और वहां बचाव के लिए किए गए उपायों की भी जानकारी साझा करने की अपील की है।

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इस चिट्ठी में पीएयू के वीसी ने लिखा है कि राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, जलोर, जोधपुर, पाली, श्री गंगानगर सहित गुजरात के कच्छ और भुज में टिड्डी दल सक्रिय है। राजस्थान के साथ लगती पंजाब की सीमा में कुछ टिड्डी दल की सक्रियता देखी गई है।

सर्दियों के मौसम में टिड्डी दल का हमला हैरान करने वाला है, क्योंकि यह मानसून के सीजन में आता नहीं। दोनों देशों की जलवायु और भौगोलिक स्थिति लगभग बराबर है।

 पाकिस्तान में हो रहा है टिड्डियों का प्रजनन 

ऐसी रिपोर्ट आई है कि पाकिस्तान में टिड्डियों का प्रजनन हो रहा है। लोकस्ट कंट्रोल आर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार बड़ी तादाद में टिड्डी दल का भारत में प्रवेश जारी है।

उन्होंने लिखा है कि चूंकि दोनों ही देश एक तरह की स्थिति का सामान करना कर रहे हैं। ऐसे पाकिस्तान में टिड्डी दल से बचाव को लेकर किए गए उपाय हमारे देश के किसानों के लिए सहायक साबित हो सकते हैं।

टिड्डी दल के हमले से बचाव के लिए वीसी ने जानकारी देने के लिए कहा

सीमावर्ती इलाकों में कुछ छोटे-छोटे टिड्डी दल दिखे

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के माहिरों के अनुसार प्रदेश में ब¨ठडा, मुक्तसर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मानसा इत्यादि में हाई अलर्ट है। पीएयू माहिरों ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में कुछ छोटे-छोटे टिड्डी दल देखे गए हैं। झुंड का हमला फिलहाल नहीं है।

पीएयू के कीट विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. प्रदीप कुमार छुनेजा के अनुसार मौजूदा टिड्डी दल के कुछ टिड्डियों या इसके छोटे समूह से घबराने की जरूरत नहीं हैं। क्योंकि यह फसलों का आर्थिक नुकसान करने की समर्था नहीं रखते। हालांकि, किसानों को सलाह दी गई कि इस कीड़े के हमले को लेकर चौकस रहें और अगर कहीं टिडडी दल के समूह का हमला खेतों में दिखाई दे तो तुरंत इसकी जानकारी पीएयू या खेतीबाड़ी महकमे को दें।

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