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गुप्तचरः भारत नगर चौक में प्रदर्शन से सुनवाई की उम्मीद ज्यादा, धरना स्थल पड़ा सुनसान

पिछले कुछ समय से चौक के बीच धरना प्रदर्शन कर रोड जाम करने वाले लोगों के खिलाफ प्रशासन कानूनी कार्रवाई भी कर रहा है। ताकि किसी भी सगंठन द्वारा चौक जाम करने से जनता को परेशानी ना हो।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Sat, 07 Mar 2020 02:27 PM (IST)Updated: Sat, 07 Mar 2020 06:36 PM (IST)
गुप्तचरः भारत नगर चौक में प्रदर्शन से सुनवाई की उम्मीद ज्यादा, धरना स्थल पड़ा सुनसान
गुप्तचरः भारत नगर चौक में प्रदर्शन से सुनवाई की उम्मीद ज्यादा, धरना स्थल पड़ा सुनसान

लुधियाना [अर्शदीप समर]। भारत नगर चौक और कचहरी चौक एक तरह से धरना स्थल ही बन गए हैं। प्रशासन ने चंडीगढ़ रोड स्थित सेक्टर-32 के ग्लाडा मैदान को धरना स्थल घोषित किया था, लेकिन लोगों ने वहां जाकर कभी कोई भी प्रदर्शन नहीं किया। जब भी किसी को प्रशासन या सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करना होता है तो वह भारत नगर चौक और कचहरी चौक को ही घेरते हैं। प्रदर्शनकारियों का भी मानना है कि सेक्टर-32 में धरना प्रदर्शन करने से उन्हें इंसाफ नहीं मिलेगा। सरकार और प्रशासन को जगाने के लिए इन मुख्य चौक पर ही जाम लगाना पड़ता है, जिसके बाद उनकी सुनवाई जल्द होती है। हालांकि पिछले कुछ समय से चौक के बीच धरना प्रदर्शन कर रोड जाम करने वाले लोगों के खिलाफ प्रशासन कानूनी कार्रवाई भी कर रहा है। ताकि किसी भी सगंठन द्वारा चौक जाम करने से जनता को परेशानी ना हो।

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धरना स्थल बना अफसरों का दफ्तर

फिरोजपुर रोड पर एसटीएफ इंचार्ज हरबंस सिंह पर कार्रवाई की मांग को लेकर वकीलों द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। इस दौरान पुलिस अधिकारी भी रोजाना धरना स्थल पर पहुंच जाते हैं। सुबह दस से शाम पांच बजे तक वकीलों का धरना प्रदर्शन चलता है। इस दौरान अफसर भी मौके पर तैनात रहते हैं, जिसमें कम से कम दो एडीसीपी, पांच एसीपी व अन्य थाना प्रभारी शामिल होते हैं। जिले के कई बड़े मामलों की यह अधिकारी जांच भी कर रहे हैं और जरूरी डाक भी निकालनी होती है। अधिकारियों ने अपने-अपने रीडरों को कहा है कि जो भी दस्तावेज हैं, वह धरना स्थल पर ही लेकर आ जाया करें। इस समय धरने पर दस्तावेज पढ़कर हस्ताक्षर किए जा रहे हैं, ताकि दफ्तर के काम को धरना स्थल पर ही खत्म किया जा सके। एक तरह से सभी अधिकारियों ने वहीं पर खुद का दफ्तर बना लिया है।

बिना सेनापति के कांग्रेस पार्टी

करीब एक महीना पहले ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की प्रधान सोनिया गांधी ने पंजाब प्रधान सुनील जाखड़ को छोड़ पार्टी के सभी संगठनों को भंग कर दिया था। राष्ट्रीय अध्यक्ष की ऐसी कार्रवाई के बाद सभी जिला पदाधिकारियों ने भी काम बंद कर दिया। जिला प्रधान अश्वनी शर्मा ने कुछ दिन तक पार्टी के सभी कार्यक्रमों में भाग लिया, लेकिन अगला कोई भी संदेश न आने पर उन्होंने भी जिला पार्टी के कार्यक्रम आयोजित करने कम कर दिए। आलम यह है कि अब केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी करना होता है तो इसकी जिम्मेदारी यूथ कांग्रेस को उठानी पड़ती है। जिला कांग्रेसियों का भी मानना है कि बिना प्रधान के कांग्रेस इस तरह लग रही है, जैसे जंग से सेनापति ही गायब हो। विरोधियों पर निशाना साधने के लिए जिला कांग्रेस तैयार है, लेकिन जिला प्रधान न होने के कारण कोई भी प्रदर्शन और कार्यक्रम नहीं हो पा रहा है।

चौक महिला कांस्टेबलों के हाथ

पुलिस प्रशासन ने महानगर में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने की ठान ली है। इसके लिए लगातार अभियान पर अभियान भी चलाए जा रहे हैं। महिला वाहन चालकों के दस्तावेज चेक करने के लिए अब तो महिला कांस्टेबल भी तैनात कर दी गई हैं। क्योंकि कई बार देखने में आता है कि पुरुष मुलाजिम  जब महिला वाहन चालकों से दस्तावेज मांगते हैं तो वे काफी एतराज जताती हैं, जिससे कई बार तो मौके पर ही बड़ा विवाद खड़ा हो जाता है। पुलिस अधिकारियों ने इस समस्या से पार पाने के लिए शहर के मुख्य चौक पर अब महिला मुलाजिमों को ही तैनात कर दिया है। अगर महिला वाहन चालक के दस्तावेज पूरे नहीं हैं या फिर उसने कोई ट्रैफिक नियम तोड़ा है तो चालान की कार्रवाई के समय भी महिला कांस्टेबल मौके पर अधिकारी के साथ ही खड़ी रहेगी, जिससे महिला वाहन चालक खुद को सहज महसूस करती रहे।

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