अब पुराने स्कूल में जाकर नहीं पढ़ाएंगे पदोन्नत प्रिंसिपल व टीचर, शिक्षा विभाग ने बदला फैसला Ludhiana News
वह अब अपने नए स्कूल में प्रिंसिपल का कार्यभार ही देख सकेंगे बशर्ते अगर पुराने स्कूल के प्रिंसिपल को यह न लगे कि उनके जाने से बोर्ड विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होगी।
लुधियाना, [आशा मेहता]। पंजाब में जो अध्यापक पदोन्नत या सीधी भर्ती से प्रिंसिपल बने हैं, अब उन्हें पुराने स्कूलों में तीन दिन जाकर नहीं पढ़ाना होगा। वह अब अपने नए स्कूल में प्रिंसिपल का कार्यभार ही देख सकेंगे, बशर्ते अगर पुराने स्कूल के प्रिंसिपल को यह न लगे कि उनके जाने से बोर्ड विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होगी।
स्कूल शिक्षा सचिव पंजाब कृष्ण कुमार की ओर से सूबे के सभी जिला शिक्षा अफसर सेकेंडरी को पत्र जारी किया गया। जिसमें कहा गया है कि शिक्षा विभाग को कुछ प्रिंसिपल से यह सुझाव प्राप्त हुआ है कि बतौर प्रिंसिपल पदोन्नत हुए अध्यापकों के जाने से विद्यार्थियों की पढ़ाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि उनके स्कूल में अन्य संबंधित विषयों के लेक्चरर हैं। ऐसे में यह फैसला लिया गया है कि अगर पुराने स्कूल के प्रिंसिपल महसूस करते हैं कि उनके स्कूल में पढ़ाई का वैकल्पिक प्रबंध है, तो पदोन्नत हुए अध्यापक अपनी नई ज्वाइनिंग वाले स्कूल में सभी कार्यदिवस में सेवाएं दे सकते हैं। शिक्षा सचिव के इन निर्देशों से उन प्रिंसिपल ने राहत की सांस ली है, जो हाल ही में अध्यापक से प्रिंसिपल बने हैं।
दैनिक जागरण की ओर से 16 दिसंबर को स्कूल शिक्षा सचिव द्वारा दो दिसंबर को जारी किए गए उस निर्देश को लेकर प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि सितंबर, अक्तूबर व नवंबर में बोर्ड की कक्षाओं को पढ़ाने वाले जो अध्यापक प्रिंसिपल बने हैं, उन्हें नए स्कूल का कामकाज देखते हुए 29 फरवरी 2020 तक पुराने स्कूलों में जाकर सप्ताह में तीन दिन आठवीं, दसवीं व 12वीं की बोर्ड की कक्षाओं के विद्यार्थियों को पढ़ाना होगा। यहीं नहीं शिक्षा सचिव ने यह भी कहा था कि साल 2019-20 का वार्षिक परिणाम भी इन पदोन्नत व सीधी भर्ती से नियुक्त हुए प्रिंसिपल का ही माना जाएगा।
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