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Pulwama Terror Attack : पुलवामा हमले में शहीद हुए पंजाब के जैमल सिंह के नाम पर स्कूल रखने का वादा अभी अधूरा

Pulwama Terror Attack मोगा के रहने वाले जैमल सिंह भी दो वर्ष पूर्व पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। वह उस बस को चला रहे थे जिसमें विस्फोट हुआ था। उस समय सरकार ने कई वादे किए थे लेकिन इनमें से कई अभी अधूरे हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 13 Feb 2021 08:56 PM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2021 03:20 PM (IST)
Pulwama Terror Attack : पुलवामा हमले में शहीद हुए पंजाब के जैमल सिंह के नाम पर स्कूल रखने का वादा अभी अधूरा
शहीद जैमल सिंह, उनकी पत्नी व बच्चे की फाइल फोटो।

मोगा [राज कुमार राजू]। Pulwama Terror Attack: 14 फरवरी 2019 को आतंकी हमले में कश्मीर के पुलवामा क्षेत्र में सीआरपीएफ की बस के चालक जैमल सिंह भी शहीद हो गए थे। तब सरकार ने शहीद की पत्नी से कहा था कि उनके बेटे को नौकरी दी जाएगी, लेकिन बेटा अभी छोटा है। उम्मीद है कि बालिग होने पर उसे सरकारी नौकरी मिलेगी। वहीं, शहीद के गांव गलोटी की तरफ जाने वाली सड़क पर गेट बनाने के साथ-साथ शहीद जैमल सिंह के शिक्षा ग्रहण करने वाले सरकारी स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखने का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन इसे पूरा नहीं किया गया है। 

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जैमल सिंह का जन्म 27 अप्रैल 1974 को हुआ था। मैट्रिक (10वीं) पास करने के बाद वह 23 अप्रैल 1993 को वह सीआरपीएफ में भर्ती हो गए थे। वह ड्राइवर थे। शहादत के समय जैमल सिंह जम्मू में तैनात थे। यहां से शहीद जैमल सिंह की सीआरपीएफ की 76-बटालियन कश्मीर में शिफ्ट हो रही थी, इसी दौरान बस ड्राइव करते समय शहीद हो गए थे। 14 फरवरी 2019 का वह दिन जब सीआरपीएफ जवानों को लेकर बस में जैमल सिंह (45) पुलवामा की ओर जा रहा था तो रास्ते में वह आतंकी हमले के शिकार हो गए थे।

19 वर्ष की आयु में गए थे सीआरपीएफ में

शहीद की पत्नी सुखजीत कौर ने बताया कि उनके पति 19 वर्ष की आयु में सीआरपीएफ में चले गए थे। उनकी शादी 17 साल पहले उनके साथ हुई थी। घर में बच्चे की किलकारियां शादी के 12 साल बाद गूंजी। वह बेटे को अच्छी शिक्षा दिलाना चाहता था। यही कारण था कि जैमल सिंह नेे परिवार को जालंधर में रखा हुआ था। अब वह बेटे को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए पंचकूला शिफ्ट होने की तैयारी में थे। जैमल सिंह बटालियन में एमटी इंचार्ज थे और अधिकतर समय दफ्तर में ही रहते थे। पुलवामा में हमले के दिन सीआरपीएफ की उस गाड़ी का चालक छुट्टी पर चला गया था और ऐसे में जैमल सिंह खुद गाड़ी लेकर गए थे।

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