लुड्डी की परफार्मेस से प्रो. गुरमीत ने विश्व रिकार्ड में दर्ज किया नाम
भंगड़ा का नाम सुनते ही पंजाबी थिरकने लग जाते हैं। पंजाबियों ने देश ही नहीं बल्कि विदेशों में अपने हुनर से पहचान बनाई है।
जासं, लुधियाना : भंगड़ा का नाम सुनते ही पंजाबी थिरकने लग जाते हैं। पंजाबियों ने देश ही नहीं बल्कि विदेशों में अपने हुनर से पहचान बनाई है। इनमें सतीश चंद्र धवन (एससीडी) गवर्नमेंट कालेज के केमिस्ट्री के प्रोफेसर गुरमीत सिंह भी शामिल हो गए हैं।
112 मिनट और 53 सेकेंड तक लगातार पंजाबी लोक नृत्य लुड्डी की परफार्मेस देते हुए टीम ने विश्व रिकार्ड बनाया है। इस दस सदस्यों की टीम में जिले से केवल प्रोफेसर गुरमीत सिंह शामिल थे। फाक प्लास्टर सोसायटी की ओर से बीती 27 सितंबर को बरनाला शहर के भदौड़ में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। विश्व रिकार्ड बनाने के लिए टीम ने यह कार्यक्रम खुद ही आयोजित किया। इस प्रस्तुति के लिए इंटरनेशनल बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में अब उनका नाम शामिल हो गया है। प्रो. गुरमीत सिंह ने कहा कि पिछले सप्ताह उन्हें इस रिकार्ड के बारे में जानकारी मिली और वीरवार को उन्हें यह सर्टिफिकेट मिला। वर्ष 2009 से 2014 तक दी भंगड़ा परफार्मेस
प्रो. गुरमीत सिंह ने वर्ष 2009 से वर्ष 2014 तक लगातार यूथ फेस्टिवल में भंगड़ा परफार्मेस दी है। इस दौरान उन्होंने कई पुरस्कार जीते हैं। छह साल तक हुए जोनल यूथ फेस्टिवल में वह 40 पुरस्कार पा चुके हैं। वहीं वर्ष 2012 में जम्मू में हुए आल इंडिया नेशनल यूथ फेस्टिवल में भंगड़ा में ही गोल्ड मेडल हासिल कर चुके हैं। इसके बाद वर्ष 2015 में लखनऊ में हुए एसओयू फेस्ट में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए भंगड़ा परफार्मेस दे चुके हैं।