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लुधियाना MC में खुल रही भ्रष्टाचार की परतें, ठेकेदाराें व अफसराें की मिलीभगत के बाद बदल डाली निगम हाउस की प्रोसीडिंग

ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए हाउस में टेंडर देने के लिए तय शर्ताें को ही बदल दिया है। मेयर बलकार सिंह संधू ने गड़बड़ी सामने आते ही निगम कमिश्नर प्रदीप सभ्रवाल को मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

By Vipin KumarEdited By: Published: Thu, 26 Aug 2021 08:46 AM (IST)Updated: Thu, 26 Aug 2021 12:02 PM (IST)
लुधियाना MC में खुल रही भ्रष्टाचार की परतें, ठेकेदाराें व अफसराें की मिलीभगत के बाद बदल डाली निगम हाउस की प्रोसीडिंग
हाट मिक्स प्लांट कांट्रैक्टर एसोसिएशन के प्रधान विनोद जैन व मेयर बलकार सिंह संधू। जागरण

जागरण संवाददाता, लुधियाना। नगर निगम में भ्रष्टाचार की परतें लगातार खुल रही हैं। मंगलवार को ठेकेदारों ने नगर निगम अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। बुधवार को जब मेयर ने इसका जवाब देने की तैयारी की तो एक नया मामला सामने आ गया। ठेकेदारों के साथ मिलकर अधिकारियों ने नगर निगम हाउस की प्रोसी¨डग की बदल डाली है। नगर निगम हाउस की बैठक में फैसला किया गया था कि शहर में प्रीमिक्स वाली सड़कों के टेंडर छह फीसद से कम रेट पर अलाट नहीं किए जाएंगे।

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मेयर ने जब एजेंडा ब्रांच से प्रोसीडिंग का रिकार्ड तलब किया तो पता चला कि रिकार्ड में टेंडर अलाट करने की न्यूनतम दर को छह से कम कर साढ़े चार फीसद कर दिया गया है। ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए हाउस में टेंडर देने के लिए तय शर्ताें को ही बदल दिया है। मेयर बलकार सिंह संधू ने गड़बड़ी सामने आते ही निगम कमिश्नर प्रदीप सभ्रवाल को मामले की जांच के आदेश दिए हैं और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है।

इस मामले में नगर निगम की एजेंडा ब्रांच के अधिकारी व मुलाजिम अब निशाने पर आ गए हैं। मेयर ने साफ कर दिया कि प्रोसीडिंग को बदलना बड़ा अपराध है। ऐसे में इससे छेड़छाड़ करने वाले कर्मचारी व अधिकारी को नौकरी से हाथ धोकर कानूनी कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है।

हाट मिक्स प्लांट कांट्रैक्टर एसोसिएशन ने निगम पर लगाए थे आराेप

गौरतलब है कि मंगलवार को हाट मिक्स प्लांट कांट्रैक्टर एसोसिएशन के प्रधान विनोद जैन ने अन्य ठेकेदारों के साथ मिलकर नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार पर जेई से लेकर कमिश्नर व मेयर तक को घेरा था। मेयर, कमिश्नर और सीनियर डिप्टी मेयर ने बुधवार को जोन डी में पत्रकार वार्ता में ठेकेदारों पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया। मेयर बलकार सिंह संधू ने कहा कि अगर ठेकेदार अधिकारियों के रिश्वत लेने का सुबूत दें तो एक-एक अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सच्चाई यह है कि ठेकेदार पूल करके नगर निगम को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। मेयर ने कहा उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि जो ठेकेदार छह फीसद से कम के टेंडर भर रहे हैं उनके टेंडर रद कर दें और उसके बाद दूसरे सबसे कम राशि वाले को वर्क आर्डर अलाट कर दें। छह फीसद से ज्यादा पर जिसने काम करना है उसका स्वागत है नहीं तो निगम प्रीमिक्स के बजाय सीमेंट की सड़कें बनाएगा। इससे निगम के खर्च में डेढ़ गुना बढ़ोतरी जरूर होगी लेकिन सड़कों लाइफ भी बढ़ जाएगी।

सीवीओ की जांच के डर कर भाग रहे ठेकेदार : निगम कमिश्नर

नगर निगम कमिश्नर प्रदीप सभ्रवाल ने कहा कि नगर निगम ने क्वालिटी कंट्रोल पर पैनी नजर रखी है। अब 300 करोड़ के काम होने हैं तो उनकी जांच के लिए स्थानीय निकाय विभाग के चीफ विजिलेंस अफसर खुद लुधियाना आकर जांच करेंगे। सीवीओ की जांच के डर से ठेकेदार काम से भाग रहे हैं। वहीं हाट मिक्स प्लांट कांट्रैक्टर एसोसिएशन के प्रधान विनोद जैन का कहना है कि उन्होंने नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोली तो मेयर को सब कुछ याद आ गया। अगर निगम ने उन्हें ब्लैक लिस्ट किया है तो एक हफ्ता पहले वर्क आर्डर कैसे दिया गया। जब उन्हें ब्लैक लिस्ट किया गया तब किस जेई और एसडीओ पर कार्रवाई की गई थी। मेयर जिस दुकान की बात कर रहे हैं वह तालाब मंदिर की है। दुकान से आने वाला किराया मंदिर के पास जाता है। उन्होंने कहा कि मेयर को जांच करवानी है करवाएं और कार्रवाई करें। निगम में फैले भ्रष्टाचार की सीबीआइ जांच होनी चाहिए।

कांग्रेस सरकार को बदनाम करने की चाल : मेयर

मेयर ने कहा कि हाट मिक्स प्लांट के ठेकेदारों की एसोसिएशन के प्रधान अकाली दल के नेता हैं। वह नहीं चाहते कि चुनावी साल में विकास के काम हों। निगम करीब 300 करोड़ रुपये के काम करवा रहा है। यह बात उन्हें चुभ रही है। वह अकाली दल के मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे। निगम ने सात सड़कों के निर्माण कार्य के वर्क आर्डर जारी कर दिए हैं। कुछ ठेकेदार इसे रिसीव कर चुके हैं लेकिन एसोसिएशन के प्रधान उन्हें धमका रहे हैं।

सड़कों में भ्रष्टाचार के पहले भी लगते रहे हैं आरोप

सड़कों के निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप पहले भी लगते रहे हैं। कई सड़कों के सैंपल फेल भी हुए हैं। एडीशनल कमिश्नर ऋषिपाल को सड़कों की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। नगर निगम ने अब तक किसी भी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। दरअसल नगर निगम के अधिकारी ही इसमें गोलमाल कर देते हैं। जिन सड़कों के सैंपल फेल होते हैं अधिकारी ठेकेदारों से सड़क का निर्माण दोबारा करवाकर उन्हें भी कार्रवाई से बचा लेते हैं और खुद भी बच जाते हैं।


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