बुड्ढा नाला प्रदूषण मामले में मेयर, निगम आयुक्त व एडिशनल कमिश्नर को राहत; PPCB ने वापस लिया केस
पानी को साफ रखने के लिए निगम ने कई प्लांट लगाए थे लेकिन जब विभाग ने इन प्लांट की जांच की तो पता चला कि उक्त प्लांट केवल खानापूर्ति के लिए ही लगाए गए हैं।
लुधियाना, जेएनएन। बुड्ढा दरिया में फैल रहे प्रदूषण के मामले में पीपीसीबी ने मेयर बलकार सिंह संधू, निगम आयुक्त केपी बराड़, निगम के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर राजिंदर सिंह, एग्जिक्यूटिव इंजीनियर रणबीर सिंह व अन्य अधिकारियों के खिलाफ दायर केस को वापस ले लिया है। इसी के साथ केस में आरोपित बनाए गए तमाम अधिकारियों ने राहत की सांस ली है।
यह है पूरा मामला
यह केस पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के असिस्टेंट एन्वायरनमेंट इंजीनियर जसपाल सिंह की ओर से दायर किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि बुड्ढा नाले का पानी दिन प्रतिदिन प्रदूषित होता जा रहा है। उसका कुछ अंश सतलुज नदी में भी मिल रहा है। शिकायत में कहा गया कि सतलुज नदी का पानी अधिकांश गांवों में पीने और सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके बारे में प्रदूषण विभाग ने समय-समय पर नगर निगम लुधियाना को सूचित किया और इसकी रोकथाम के लिए कहा। इसके लिए निगम ने कई प्लांट भी लगाए थे लेकिन इसके उपरांत भी पानी प्रदूषित होता जा रहा था। विभाग ने इन प्लांट की जांच की तो पता चला कि अधिकांश प्लांट या तो बंद पड़े हैं या वह ठीक रूप से काम नहीं कर रहे थे। इस पर पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अदालत में शिकायत दायर की थी। मामले में गत दो दिसंबर के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट पीएस कलेका ने सुनवाई करते हुए इसे 10 जनवरी के लिए स्थगित करते हुए पीपीसीबी को अपनी गवाहियां करवाने को कहा था। अब केस वापस लिए जाने पर सभी ने राहत की सांस ली है।
इनके खिलाफ थी शिकायत
इस मामले में मेयर बलकार सिंह संधू, निगमायुक्त केपी बराड़, निगम के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर राजिंदर सिंह, एग्जिक्यूटिव इंजीनियर रणबीर सिंह व सब डिवीजनल ऑफिसर परषोत्तम लाल, लार्ड कृष्णा इंटरप्राइजिज के मालिक सोनी बख्शी व अन्य को आरोपित बनाया गया था।
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