बिजली संकट से परेशान लुधियाना के उद्यमियों काे बारिश से मिली बड़ी राहत, पावरकाॅम निरंतर देगा बिजली सप्लाई
बिजली संकट के बीच जुलाई में अब तक दस दिन से ज्यादा बड़े उद्योगों को बिजली की सप्लाई नहीं मिली है। इससे उद्योग जगत को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उद्यमियों के सभी समीकरण बिगड़ गए हैं।
लुधियाना, [राजीव शर्मा]। पंजाब में बारिश के बाद बिजली की मांग में 4500 मेगावाट की कमी आई है। इसे देखते हुए उद्योगों को अगले आदेश तक बिजली की होती रहेगी। पावरकाॅम ने मंगलवार को इसके आदेश जारी किए हैं। बिजली संकट के बीच जुलाई में अब तक दस दिन से ज्यादा बड़े उद्योगों को बिजली की सप्लाई नहीं मिली है। इससे उद्योग जगत को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उद्यमियों के सभी समीकरण बिगड़ गए हैं। पंजाब में इस बार बारिश कम होने के कारण बिजली की मांग और आपूर्ति में संतुलन बिगड़ गया है। जुलाई के पहले 12 में से 10 दिन औद्योगिक इकाइयां बंद रही हैं।
सरकार की अव्यवस्था का खामियाजा भुगत रही इंडस्ट्री
लघु उद्योग भारती के प्रधान राजीव जैन का कहना है कि पावरकाॅम और सरकार की अव्यवस्था का खामियाजा उद्योगों को उठाना पड़ा है। सरकार के पास कोई योजना नहीं है जिससे उद्योग जगत की परेशानी बढ़ रही है। उद्यमियों को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। वह अपनी डील भी पूरी नहीं कर पाए हैं। अगर आने वाले दिनों में बारिश नहीं हुई तो सरकार फिर से उद्योगों पर पावरकट लगा सकती है।
कृषि के बाद उद्योग भी मानसून पर निर्भर
फेडरेशन आफ इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल आर्गेनाइजेशन में टेक्सटाइल डिवीजन के हेड अजीत लाकड़ा का कहना है कि अब यह लगने लगा है कि कृषि के बाद उद्योग भी मानसून पर निर्भर हो गए हैं। बारिश होगी तो बिजली मिलेगी। सरकार के पास और कोई इंतजाम नहीं है। हर साल धान की रोपाई होती है। बिजली की मांग बढ़ती है। सरकार को बिजली की ढांचे को मजबूत करना होगा। मौजूदा हालात में सूबे में नया निवेश आने में दिक्कत होगी।
अघोषित कट से छोटे व मध्यम उद्योगों काे हाे रहा था नुकसान
लुधियाना स्यूइंग मशीन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के चेयरमैन जगबीर सिंह सोखी कहते हैं कि अब भी रोज चार से पांच घंटे के अघोषित कट छोटे व मध्यम उद्योगों पर लग रहे हैं। इससे नुकसान हो रहा है, लेेकिन सरकार के पास कोई योजना नहीं है। डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम भी काफी कमजोर है। इससे क्वालिटी पावर नहीं मिल पा रही है।