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चीन में बिजली संकट से पंजाब की इंडस्ट्री पर असर, डाइज और केमिकल की शार्टेज, समर गारमेंट्स की प्रोडक्शन प्रभावित

Power crisis in China अक्टूबर में समर गारमेंट्स की प्रोडक्शन शुरू की जाती है। ऐसे में डाइंग इंडस्ट्री को केमिकल कंपनियों की ओर से अभी सप्लाई न दे पाने के संकेत दे दिए गए हैं। इससे आने वाले समय अगर समस्या का हल न निकला तो प्रोडक्शन प्रभावित होगी।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Mon, 04 Oct 2021 08:57 AM (IST)Updated: Mon, 04 Oct 2021 08:57 AM (IST)
चीन में बिजली संकट से पंजाब की इंडस्ट्री पर असर, डाइज और केमिकल की शार्टेज, समर गारमेंट्स की प्रोडक्शन प्रभावित
चीन में बिजली संकट का सबसे ज्यादा असर पंजाब के उद्योगों पर पड़ने लगा है।

मुनीश शर्मा, लुधियाना। Power crisis in China: चीन में बिजली संकट ने पंजाब के उद्योगों को बुरी तरह से प्रभावित किया है और अब इसका सबसे अधिक असर गारमेंट्स इंडस्ट्री में पड़ने लगा है। गारमेंट्स इंडस्ट्री में यार्न एवं फैब्रिक की रंगाई के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले डाइज एवं कैमिकल के रा मैटीरियल 70 फीसदी चीन से आयात किए जाते हैं। यहां तक कि कई स्पैशल डाइज का भी इंपोर्ट किया जाता है।

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ऐसे में चीन में आए बिजली संकट से गारमेंटस इंडस्ट्री के लिए बड़ी चुनौती पैदा हो गई है। क्योंकि प्रोडक्शन से पूर्व यार्न और फैब्रिक की डाइंग किए जाना बेहद जरूरी होता है। अक्टूबर में समर गारमेंट्स की प्रोडक्शन शुरू की जाती है। ऐसे में डाइंग इंडस्ट्री को केमिकल कंपनियों की ओर से अभी सप्लाई न दे पाने के संकेत दे दिए गए हैं। इससे आने वाले समय अगर समस्या का हल न निकला तो प्रोडक्शन प्रभावित होगी।

एकता डाइंग एवं फिनिशिंग मिल के पार्टनर सुभाष सैनी के मुताबिक यह समय गर्मियों के परिधानों के निर्माण के लिए सबसे अहम रहता है और इसी दौरान विंटर की प्रोडक्शन के बाद समर के लिए मार्केट में डिमांड तेज होती है और कंपनियां रंगाई के लिए यार्न और फैब्रिक देती है। लेकिन अब डाइज एवं कैमिकल न मिल पाने से दाम में तो इजाफा होना स्वभाविक है। जबकि सबसे ज्यादा नुक्सान प्रोडक्शन प्रभावित होने का है। एडवांस आर्डर के लिए भी कंपनियों ने हाथ खड़े कर दिए हैं और डाइज एवं केमिकल की शार्टेज बताई है। अगर यही हालात रहे तो दामों में तीन गुणा तक का इजाफा हो सकता है।

उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि मेक इन इंडिया डाइज केमिकल पर फोकस किया जाए। इस बदलाव से एक्सपोर्ट को लेकर भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। बाला जी प्रोसेसर के एमडी बाबी जिन्दल ने कहा कि यह समय हमारे लिए कठिन है। क्योंकि यह समय पीक रहता है और दोबारा कारोबार की उम्मीद रहती है और ऐसे में अब केमिकल कंपनियां मैटीरियल देने के लिए हाथ खड़े करने लगे है, इससे आने वाले समय में समस्या विकराल हो सकती है।


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